गांधी-आंबेडकर और पदयात्रा... पटना में आज खत्म होगी राहुल-तेजस्वी का 'वोटर अधिकार यात्रा', VIP के बैनर से सजा गांधी मैदान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' आज धमाकेदार अंदाज में समाप्त होने जा रहा है. इंडिया ब्लॉक ने एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए पटना की सड़कों पर जोरदार शक्ति प्रदर्शन की तैयारी की है. साथ ही महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर के विचारों को केंद्र में रखकर एक मजबूत सियासी संदेश देने का प्लान तैयार किया है.

Bihar Assembly Election 2025: बिहार का सियासी पारा विधानसभा चुनाव से पहले ही चढ़ चुका है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में निकली 16 दिनों की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का समापन आज पटना में होने जा रहा है. यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और लगभग 1300 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 23 जिलों से होते हुए राजधानी पटना पहुंची है. समापन कार्यक्रम गांधी मैदान से शुरू होगा. जहां विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेता जुटेंगे और फिर ‘गांधी से अंबेडकर मार्च’ के जरिए राजनीतिक संदेश देने की कोशिश होगी.
गांधी मैदान से अंबेडकर पार्क तक पदयात्रा
समापन कार्यक्रम की शुरुआत गांधी मैदान से होगी. यहां विपक्षी नेताओं का जुटान होगा और फिर महात्मा गांधी की प्रतिमा से लेकर हाई कोर्ट स्थित अंबेडकर प्रतिमा तक पदयात्रा निकाली जाएगी. यह मार्च एसपी वर्मा रोड, डाक बंगला चौक, कोतवाली थाना और नेहरू पथ से होकर गुजरेगा और दोपहर साढ़े बारह बजे अंबेडकर पार्क में समाप्त होगा. विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने इस मार्च को ‘गांधी से अंबेडकर मार्च’ नाम दिया है.
23 जिलों से होकर पटना पहुंची यात्रा
राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और भाकपा माले के दीपांकर भट्टाचार्य ने 17 अगस्त को सासाराम से यात्रा की शुरुआत की थी. यह यात्रा औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया, गोपालगंज, सीवान, छपरा और आरा होते हुए पटना पहुंची. कुल मिलाकर यात्रा ने बिहार के 23 जिलों और 1300 किलोमीटर की दूरी तय की.
विपक्षी नेताओं का बड़ा जमावड़ा
समापन कार्यक्रम में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार भी शामिल होंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, एनसीपी की सुप्रिया सुले और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान भी इस पदयात्रा में शिरकत करेंगे.
गांधी और अंबेडकर के जरिए सियासी संदेश
कांग्रेस और आरजेडी ने इस यात्रा को गांधी और अंबेडकर की विरासत से जोड़कर दलित और पिछड़े वर्ग के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस खुद को बाबा साहेब का सच्चा अनुयायी बताने की कोशिश कर रही है और आरजेडी भी अंबेडकर के विचारों को अपनाने का दावा कर रही है. कांग्रेस का मकसद गांधी की राजनीतिक धरोहर और अंबेडकर की सामाजिक न्याय की सोच को एक साथ जोड़ना है.
दलित वोट बैंक पर नजर
बिहार की लगभग 18 प्रतिशत दलित आबादी पर कांग्रेस और आरजेडी की पैनी नजर है. बीते दिनों संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक को दलित वोटरों का कुछ समर्थन मिला था. अब गांधी से अंबेडकर प्रतिमा तक मार्च निकालकर विपक्ष दलित वोट बैंक को और साधने की कोशिश कर रहा है.


