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प्रदूषण पर सरकार का बड़ा एक्शन...नोएडा, गाजियाबाद में डीजल ऑटो बैन, UP के इन जिलों में भी लगेगा प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए नोएडा और गाजियाबाद में डीज़ल ऑटोरिक्शा पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया है. अन्य एनसीआर जिलों में भी यह बैन चरणबद्ध तरीके से लागू होगा. सरकार सड़क धूल और वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए एंटी-स्मॉग गन, स्प्रिंकलर और मैकेनिकल सफाई अभियान चला रही है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए बड़ा कदम उठाते हुए नोएडा और गाजियाबाद में डीजल ऑटोरिक्शा के संचालन पर तत्काल प्रभाव से पूरी तरह रोक लगा दी है. यह फैसला NCR में लगातार खराब होती एयर क्वालिटी और बढ़ती वाहन जनित प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया. सरकार का मानना है कि डीजल ऑटो प्रदूषण के बड़े स्रोतों में से एक हैं, इसलिए इन्हें चरणबद्ध रूप से हटाना आवश्यक है.

नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में प्रतिबंध लागू

आपको बता दें कि सरकार की नई नीति के तहत नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में तुरंत प्रतिबंध लागू कर दिया गया है, जबकि अन्य ज़िलों में यह बैन धीरे-धीरे लागू होगा. मेरठ आरटीए पहले ही नए परमिट और नवीनीकरण की प्रक्रिया रोक चुका है. आने वाले वर्ष में 31 दिसंबर तक मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, शामली और मुजफ्फरनगर में भी डीज़ल ऑटो का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. वहीं बागपत में यह प्रतिबंध 31 दिसंबर 2025 से लागू होगा. यह योजना प्रदूषण नियंत्रण के व्यापक एक्शन प्लान का हिस्सा है.

सड़क की धूल प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण
सरकार के बयान के अनुसार सड़क की धूल एनसीआर में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण मानी गई है. इस वजह से सड़क पुनर्विकास, धूल दमन अभियान और बड़े पैमाने पर मैकेनिकल सफाई कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एंटी-स्मॉग गन, वॉटर स्प्रिंकलर और मैकेनिकल स्वीपर मशीनें पहले ही तैनात कर दी गई हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस प्रकार की आधुनिक तकनीकें हवा में मौजूद धूलकणों को काफी हद तक कम करेंगी.

निगरानी और क्रियान्वयन की विशेष व्यवस्था
नीति के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही राज्य स्तर पर एक विशेष प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) बनाई गई है, जिसमें शहरी विकास, पीडब्ल्यूडी, नगर नियोजन और औद्योगिक विकास विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. यह इकाई हर ज़िले की प्रगति की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि प्रतिबंध को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जाए.

हवा की गुणवत्ता सुधारने का लक्ष्य
सरकार का दावा है कि विभिन्न चरणों में लागू होने वाला यह प्रतिबंध एनसीआर की वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा. डीज़ल ऑटोरिक्शा हटने से उत्सर्जन में गिरावट आएगी, जबकि साथ ही चल रहे धूल नियंत्रण प्रयास शहरी निवासियों को गंभीर प्रदूषण के प्रभाव से राहत देंगे. आने वाले महीनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार देखने की उम्मीद की जा रही है.

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22 November 2025, 10:48 PM IST

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