हाईवे बंद, गांवों का संपर्क टूटा... उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही, 9 जिलों में रेड अलर्ट जारी
उत्तराखंड में मानसून का असर कहर बनकर बरस रहा है. राज्य के कई जिलों में भारी बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. मौसम विभाग ने 30 जून से 3 जुलाई तक के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. कई इलाकों में बादल फटने, लैंडस्लाइड और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और अब यह कहर बनकर बरस रहा है. राज्य के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश से तबाही मच गई है कहीं घर टूट गए, कहीं सड़कों पर मलबा भर गया और कुछ स्थानों पर बादल फटने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं. ऐसे में मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर प्रदेश के 9 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है.
IMD के मुताबिक, 30 जून से लेकर 3 जुलाई तक उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है. इससे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन, सड़कों के टूटने और नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि की आशंका है. सरकार ने ऐहतियातन चारधाम यात्रा रोक दी है और स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं.
9 जिलों में रेड अलर्ट, बाकी में ऑरेंज
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार 30 जून को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश हो सकती है. इन इलाकों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है. बाकी जिलों में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
जगह-जगह लैंडस्लाइड, हाईवे बंद
लगातार हो रही बारिश के कारण पर्वतीय मार्गों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं. कई राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर मलबा आ गया है, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है. यातायात विभाग और आपदा राहत टीमें हाई अलर्ट पर हैं.
चारधाम यात्रा रोकी गई
बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है. प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी है और उच्च हिमालय क्षेत्र में ट्रैकिंग व हाइकिंग पर भी रोक लगा दी गई है.
स्कूल-कॉलेज बंद, मॉक ड्रिल का आयोजन
नैनीताल, चंपावत, उधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार जिलों में 30 जून को सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित की गई है. वहीं आपदा प्रबंधन को लेकर इन जिलों में बाढ़ और रेस्क्यू मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी निगरानी खुद चीफ सेक्रेटरी कंट्रोल रूम से करेंगे.
प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश
प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और राहत एवं बचाव टीमों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने वालों को रोका गया है और स्थानीय लोगों को भी सतर्कता बरतने को कहा गया है.


