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कौन था बसव राजू? कैसे बना टॉप नक्सल लीडर?

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली ढेर हो गए. मारे गए उग्रवादियों में कुख्यात नक्सली नेता बसव राजू भी शामिल था, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के घने जंगलों से घिरे अबूझमाड़ क्षेत्र में 21 मई को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया, जिसमें माओवादियों का टॉप कमांडर और एक करोड़ का इनामी बसव राजू भी शामिल था. यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियानों में अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक मानी जा रही है.

 माओवादी विचारधारा की ओर आकर्षित

बसव राजू, जिसका असली नाम नाम्बाला केशव राव था. वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले का निवासी था. उसने वारंगल के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज एनआईटी (पूर्व में REC) से बीटेक किया था. पढ़ाई में तेज होने के बावजूद वह किशोरावस्था में ही माओवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हो गया और 1980 के दशक की शुरुआत में पीपुल्स वार ग्रुप से जुड़ गया.

सीपीआई (माओवादी) का महासचिव

वर्ष 2018 में उसे सीपीआई (माओवादी) का महासचिव नियुक्त किया गया, जब उसने लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व करने वाले गणपति की जगह ली. बसव राजू को माओवादियों के रणनीतिकार और विस्फोटक विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता था. उसे घातक आईईडी बनाने में महारत हासिल थी और वह कई हिंसक घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है.

उस पर चिंतालनार में 76 CRPF जवानों की हत्या और जिराम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हमले जैसी घटनाओं की साजिश रचने का आरोप था. साथ ही, आंध्र प्रदेश के अराकू क्षेत्र में 2018 में टीडीपी विधायक और एक पूर्व विधायक की हत्या में भी उसकी भूमिका थी.

बसव राजू की मौत माओवादियों के लिए बड़ा झटका

बसव राजू की मौत माओवादियों के लिए एक बड़ा झटका है, जबकि सुरक्षा बलों के लिए यह बड़ी रणनीतिक जीत मानी जा रही है. उसकी समाप्ति से नक्सल नेटवर्क के संगठनात्मक ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचा है.

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21 May 2025, 07:18 PM IST

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