मंडी के सरकाघाट में HRTC बस खाई में गिरी: 5 की मौत, 23 घायल
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के (HRTC) की एक बस अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. इस भीषण दुर्घटना में पांच लोगों की जान चली गई, जबकि 23 यात्री घायल हो गए.

Himachal Bus Accident: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. सरकाघाट उपमंडल के मसेरन क्षेत्र में हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. हादसे में एक युवक समेत कुल पांच लोगों की जान चली गई, जबकि 23 यात्री घायल हुए हैं.घायलों स्थिती गंभीर बताई जा रही है. घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए सिविल अस्पताल सरकाघाट लाया गया, जहां से गंभीर घायलों को नेरचौक और हमीरपुर के मेडिकल कॉलेजों में रेफर किया गया है. मृतकों में तीन महिलाएं, एक पुरुष और एक युवक शामिल हैं. हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है.
तीखे मोड़ पर ड्राईवर ने खोया नियंत्रण
वहां मौजूद लोगों के मुताबिक, बस मसेरन से सरकाघाट की ओर आ रही थी. जैसे ही बस एक तीखे मोड़ पर पहुंची, चालक बस पर नियंत्रण नहीं रख सका और वह गहरी खाई में जा गिरी. बस कई सौ फीट नीचे जाकर रुकी. इस दौरान यात्रियों को गंभीर चोटें आईं, जिनमें से पांच की मौके पर ही मौत हो गई.
स्थानीय लोगों ने संभाला मामला
हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया. कुछ ही समय में प्रशासनिक और पुलिस टीमें भी मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्यों को गति दी.
गंभीर घायलों को किया गया रेफर
घायलों को 108 एंबुलेंस सेवा की सहायता से सिविल अस्पताल सरकाघाट लाया गया. वहां से प्राथमिक उपचार के बाद कई घायलों को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज नेरचौक मंडी और मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजा गया. घायलों में मंडी और हमीरपुर जिलों के लोग शामिल हैं.
प्रशासन ने किया घटनास्थल का दौरा
एसडीएम सरकाघाट और डीएसपी सरकाघाट ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करते हुए हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि,
'हादसे के असल कारणों का पता जांच के बाद ही चल पाएगा.'
इस बस हादसे की खबर जैसे ही क्षेत्र में फैली, लोगों में दुख और शोक की लहर दौड़ गई. परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचकर अपने परिजनों की खोज में जुटे हैं. यह हादसा न केवल एक बड़ा प्रशासनिक अलर्ट है बल्कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा की हालत पर भी सवाल खड़े करता है.


