महाकाल के आदेश पर दिल्ली आया था...CM रेखा गुप्ता पर हमले की चार्जशीट में बड़ा खुलासा, आरोपी ने खुद को बताया कुत्तों का रक्षक
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में पुलिस की चार्जशीट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. आरोपी सकरिया राजेशभाई खिमजी ने खुद को “कुत्तों का रक्षक” बताया और कहा कि उसे ‘महाकाल का आदेश’ मिला था.

नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी सकरिया राजेशभाई खिमजीभाई के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में न केवल घटना की सटीक रूपरेखा है, बल्कि आरोपी के बयान और उसके मानसिक प्रक्रियाओं के ऐसे पहलू भी बताए गए हैं जो सुनकर चौंकाना स्वाभाविक है. पुलिस ने अपनी गहन जांच के बाद आरोपी के कबूलनामे के कई अहम हिस्से चार्जशीट में शामिल किए हैं, जिनसे घटना की प्रेरणा और उनके कार्य करने का तरीका स्पष्ट होता है.
आरोपी ने खुद को कुत्तों का रक्षक बताया
आरोपी ने घर के पास महाकाल मंदिर बनवाया था
चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि आरोपी ने अपने घर के पास एक छोटा सा ‘महाकाल मंदिर’ बनवाया था, जहाँ कई आवारा कुत्ते भी रहते थे. दस्तावेजों में यह बात भी दर्ज है कि आरोपी पहले अयोध्या में बंदरों के मुद्दे को लेकर भूख हड़ताल कर चुका है और मंदिर के गार्ड्स से झड़प के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी. इसके अलावा उसने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के कुत्तों से जुड़े कार्यवाही दिखाने वाले वीडियोज़ देखे, जिनसे वह काफी प्रभावित हुआ.
सपना, उज्जैन का ताबीर और हिंसक नियत
चार्जशीट में आरोपी ने एक सपने का भी जिक्र किया सपने में शिवलिंग के बगल में बैठे एक कुत्ते ने कहा कि “दिल्ली में कुत्ते दुखी हैं.” यह अनुभव उसके लिए किसी तरह का संकेत बन गया. उज्जैन में महाकाल मंदिर जाकर उसने दो पर्चियाँ बनाई और महाकाल के सामने उनका उपयोग कर के अपने निर्णय को दैवीय तर्क से जोड़ने की कोशिश की. जब उसने अपनी पत्नी से आर्थिक मदद मांगी और अस्वीकृति मिली, तो उसने अपने एक मित्र से पैसे लिए और कथित तौर पर कहा कि “अगर किसी ने इस बार मुझे रोका, तो मैं उसे मार दूंगा.” ये बातें चार्जशीट में आरोपी की मनोदशा और हत्या जैसी नियत की ओर इशारा करती हैं.
मुख्यमंत्री आवास पर विरोध और आक्रोश का चरम
चार्जशीट बताती है कि आरोपी पहले शालीमार बाग गया और फिर सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुँच कर रेखा गुप्ता से पकड़े गए कुत्तों को छोड़ने की मांग करने लगा. जब मुख्यमंत्री ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि “कुत्ते कोर्ट के आदेश पर पकड़े गए हैं,” तो आरोपी गुस्से में आ गया और हमला कर दिया. पुलिस दस्तावेज में स्पष्ट लिखा है कि आरोपी ने मुख्यमंत्री को पहले जोरदार थप्पड़ मारा, फिर बाल पकड़कर जमीन पर गिराया और जान से मारने की मंशा से हमला जारी रखा. सुरक्षा गार्ड और स्थानीय लोगों ने मिलकर आरोपी को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया.
अब क्या होगा आगे
चार्जशीट के इन तथ्यों से मामला न केवल एक अकेले हमले के रूप में दिखता है, बल्कि यह एक व्यक्ति के विचारों, मान्यताओं और भावनात्मक कारणों का परिणाम भी प्रतीत होता है. अब मामलों की अदालत में सुनवाई और मानसिक स्वास्थ्य तथा नियत के पहलुओं पर विशेषज्ञ रपटें व गवाहियाँ अहम भूमिका निभाएँगी. पुलिस की चार्जशीट ने शुरुआती छवि को स्पष्ट किया है, पर न्यायिक प्रक्रिया में आगे क्या परिणाम निकलते हैं, वह सबूतों और कानूनी तर्कों पर निर्भर करेगा.


