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बिहार में कुशवाहा वोट बैंक पर नीतीश कुमार की नजर, क्या 2025 में बदलेगा समीकरण?

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस बार 'K फैक्टर' यानी कुशवाहा समाज को केंद्र में रखकर बड़ा चुनावी दांव चला है.लोकसभा चुनाव 2024 में इस वोट बैंक में हुई सेंधमारी से सबक लेते हुए जेडीयू ने इस बार कई मजबूत उम्मीदवारों को पहले ही तैयार कर लिया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस बार एक बेहद रणनीतिक दांव खेला है. पार्टी ने ‘K फैक्टर’ यानी कुशवाहा समाज को केंद्र में रखते हुए चुनावी प्लान तैयार किया है. पिछली बार हुई सेंधमारी से सबक लेते हुए इस बार जेडीयू ने पहले से ही कई उम्मीदवारों को लगभग फाइनल कर लिया है.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जेडीयू इस बार ऐसे चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी में है, जो न सिर्फ नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं, बल्कि अपने क्षेत्रों में भी मजबूत पकड़ रखते हैं. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू इस बार कुशवाहा समाज से कम से कम 16 उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी है.

उमेश कुशवाहा फिर से चुनावी मैदान में उतरेंगे?

नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले उमेश कुशवाहा का नाम एक बार फिर से चर्चा में है. वर्ष 2015 में उन्होंने महनार सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन 2020 में आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी से हार गए थे. अब माना जा रहा है कि उन्हें दोबारा टिकट मिलना तय है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वे महनार से ही लड़ेंगे या उनके लिए नई सीट तय की जाएगी.

भगवान सिंह कुशवाहा का राजनीतिक

भगवान सिंह कुशवाहा का राजनीतिक अनुभव काफी लंबा है. 1990 से लेकर अब तक वे कई पार्टियों से चुनाव लड़ चुके हैं. फिलहाल वे जेडीयू में वापस लौट चुके हैं और एमएलसी हैं. खबर है कि जेडीयू उन्हें एक बार फिर से जगदीशपुर विधानसभा से टिकट देने की तैयारी में है.

जयंत राज को फिर से मौका

जनार्दन मांझी के बेटे जयंत राज ने 2020 में अमरपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जितेंद्र सिंह को हराया था. पहली बार विधायक बनने के बावजूद नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री पद से नवाजा. अब उन्हें एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर है.

इन नामों पर भी मंथन

इसके अलावा संतोष कुशवाहा (जहानाबाद), नंदकिशोर कुशवाहा (पाली) और रामसेवक सिंह कुशवाहा जैसे नामों को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं. इन सभी नेताओं को उनके क्षेत्रों में अच्छा जनाधार माना जाता है.

कुशवाहा समाज पर विशेष फोकस क्यों?

लोकसभा चुनाव 2024 में राजद ने कुशवाहा और वैश्य वोट बैंक में सेंधमारी कर NDA को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. शाहाबाद क्षेत्र की चारों सीटें NDA के हाथ से निकल गईं, जिसमें काराकाट, सासाराम, आरा और औरंगाबाद शामिल हैं. इसके अलावा जेडीयू के दो सांसद दुलाल चंद गोस्वामी (कटिहार) और संतोष कुशवाहा (पूर्णिया) भी चुनाव हार गए. इस हार ने NDA को अलर्ट कर दिया है और अब विधानसभा चुनाव में कुशवाहा समुदाय को साधने की पूरी तैयारी की जा रही है.

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02 August 2025, 12:41 PM IST

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