score Card

बिहार में वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटे: देखें, किन जिलों में हुई सबसे ज्यादा कटौती

बिहार में SIR (विशेष मतदाता सूची संशोधन) के बाद 65.64 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए. इसमें पटना जिला सबसे आगे रहा, जहां 3.95 लाख नाम कटे. दूसरी ओर, सीमांचल क्षेत्र में हटाए गए नामों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम रही. विपक्षी दलों को अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Bihar Draft Electoral Roll: बिहार में चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट मतदाता सूची के तहत 65 लाख 64 हजार 75 ऐसे मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं, जिनका नाम सूची में होने की आवश्यकता नहीं थी. यह फैसला राज्य के चुनावी परिप्रेक्ष्य में अहम माने जा रहे हैं. इन नामों के हटने से विपक्षी दलों ने विभिन्न तरह की आशंकाएं जताई थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि नाम हटाने का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है. अब राजनीतिक दलों को एक महीने का समय मिल गया है, ताकि वे इस ड्राफ्ट सूची में किसी भी प्रकार की आपत्ति या दावे दर्ज कर सकें. चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची में कुल 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम शामिल हैं. इनमें से 65 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम विभिन्न कारणों से सूची से हटाए गए हैं. बिहार में नाम कटने का सबसे ज्यादा असर पटना जिले पर पड़ा है, जहां सबसे अधिक 3.95 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं.

बिहार में मतदाता सूची से हटे लाखों नाम

चुनाव आयोग की ताजा कार्रवाई में बिहार के 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. इनमें 22 लाख मृत मतदाता, 36 लाख ऐसे मतदाता जो स्थाई तौर पर दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनका पता सही नहीं मिला है, और 7 लाख ऐसे मतदाता जिनका नाम एक से अधिक स्थानों पर मौजूद था.

सबसे ज्यादा नाम कटे पटना जिले से

बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची में सबसे अधिक नाम पटना जिले से काटे गए हैं. यहां 3.95 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं. इसके बाद, मधुबनी जिले से 3.52 लाख, पूर्वी चंपारण जिले से 3.16 लाख और गोपालगंज जिले से 3.10 लाख नाम कटे हैं. इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि विपक्षी दलों की उन आशंकाओं को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया, जो सीमांचल के क्षेत्रों या बॉर्डर जिलों के बारे में जताई जा रही थीं.

सीमांचल और अन्य जिलों की स्थिति

अगर हम सीमांचल के जिलों की बात करें, तो अररिया में 1.58 लाख, किशनगंज में 1.23 लाख, पूर्णिया में 2.73 लाख और कटिहार में 1.84 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं. इन जिलों में नाम कटने के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, जो राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है.

दावा और आपत्ति का समय

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची से नाम हटाने के पीछे कोई निहित राजनीतिक उद्देश्य नहीं है. आयोग ने राजनीतिक दलों को एक अगस्त से एक सितंबर तक एक महीने का समय दिया है, ताकि वे अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकें. इस दौरान, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि दावे और आपत्तियों को सार्वजनिक रूप से रिकॉर्ड कर सकते हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी, ताकि किसी भी प्रकार के गलत आरोप से बचा जा सके. 'चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ड्राफ्ट सूची से बिना कारण बताए किसी का नाम नहीं हटाया जाएगा.'

calender
02 August 2025, 12:46 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag