बिहार के जमीन मालिकों के लिए अलर्ट! 22 फरवरी से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, वरना हो जाएगा खेला
अगर आप बिहार में जमीन के मालिक हैं, तो आपके लिए बड़ी खबर है. राज्य सरकार ने भूमि सर्वे को लेकर नया निर्देश जारी किया है, जिसके तहत 22 फरवरी से पहले सभी रैयतों (भूमि मालिकों) को एक महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होगा. अगर आपने इसे समय पर पूरा नहीं किया, तो आगे चलकर आपकी जमीन को लेकर विवाद हो सकता है.

बिहार में भूमि सर्वे का कार्य जोरों पर चल रहा है, और इसी के तहत सरकार ने जमीन मालिकों यानी रैयतों के लिए एक नया निर्देश जारी किया है. अगर आपने अब तक जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं, तो 22 फरवरी से पहले इसे निपटा लें, वरना आपको भविष्य में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह निर्णय रैयतों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है, ताकि किसी को भी अपने जमीन के कागजात या मालिकाना हक से जुड़ी समस्याओं से जूझना न पड़े. इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी कर दिया है और सभी रैयतों को फरवरी माह के अंतिम सप्ताह तक एक महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया है.
क्या करना होगा रैयतों को?
अगर आप बिहार में जमीन के मालिक हैं, तो आपको अपना स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (Self-Declaration Certificate) जमा करना अनिवार्य है. भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी रैयतों को अपनी जमीन का पूरा ब्यौरा अंचल स्थित शिविर में जाकर जमा करना होगा.
क्यों जरूरी है यह प्रमाण पत्र?
स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा न करने वालों के लिए भविष्य में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. यह प्रमाण पत्र आपकी जमीन से जुड़े कानूनी दस्तावेजों को सुरक्षित करने का काम करेगा, जिससे किसी भी प्रकार के भूमि विवाद या सरकारी कार्रवाई से बचा जा सकेगा.
कब से शुरू होगा प्रक्रिया?
वर्तमान में भूमि सर्वेक्षण का कार्य कुछ समय के लिए बाधित हो गया है क्योंकि सर्वर में तकनीकी दिक्कतें आई हैं. पहले यह प्रक्रिया ऑनलाइन होती थी, लेकिन अब सरकार 22 फरवरी तक इन समस्याओं को ठीक कर ऑनलाइन अपलोडिंग की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की तैयारी कर रही है.
अगर आपका स्व-घोषणा प्रमाण पत्र अब तक जमा नहीं हुआ है, तो बिना देरी किए अंचल स्थित शिविर में जाकर इसे जल्द से जल्द जमा कर दें. एक बार ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद, सभी प्रमाण पत्रों को डिजिटल रूप में भी अपलोड कर दिया जाएगा, जिससे भूमि स्वामित्व से जुड़ी किसी भी परेशानी से बचा जा सके.
क्या होगा अगर आपने समय पर नहीं किया जमा?
अगर आप 22 फरवरी से पहले अपना प्रमाण पत्र जमा नहीं करते हैं, तो आपको आगे चलकर कई कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आपकी जमीन के रिकॉर्ड को लेकर विवाद खड़े हो सकते हैं, और सरकारी सर्वे में आपकी जमीन को लेकर आपत्ति दर्ज की जा सकती है.
कैसे करें आवेदन?
1. नजदीकी अंचल कार्यालय जाएं और वहां लगाए गए शिविर में अपने दस्तावेज जमा करें.
2. अपने जमीन से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज साथ लेकर जाएं ताकि किसी तरह की परेशानी न हो.
3. जब ऑनलाइन प्रक्रिया दोबारा शुरू हो जाएगी, तो आपका प्रमाण पत्र स्वतः अपलोड हो जाएगा और भविष्य में किसी भी प्रकार के भूमि विवाद से बचने में मदद करेगा.
जरूरी चेतावनी: जल्द करें आवेदन!
बिहार सरकार भूमि सुधार को लेकर काफी सख्त हो रही है और इस बार सर्वे के दौरान किसी भी प्रकार की ढिलाई बरदाश्त नहीं की जाएगी. अगर आप चाहते हैं कि आपकी जमीन का रिकॉर्ड सुरक्षित रहे, तो 22 फरवरी से पहले यह काम पूरा कर लें.अभी अंचल कार्यालय जाकर स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा करें और अपने जमीन के दस्तावेजों को सुरक्षित बनाएं!


