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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 35 किमी लंबा जाम! पैदल चलने को मजबूर हुए श्रद्धालु

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में आस्था की डूबकी लगाने के लिए लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि शहर से 35 किमी पहले ही गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं. श्रद्धालुओं को मजबूरन पैदल ही कुंभ नगरी की ओर बढ़ना पड़ रहा है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ी भारी भीड़ के चलते यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन भीड़ नियंत्रण के दावे करता दिख रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. शहर और कुंभ क्षेत्र में ट्रैफिक की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि प्रयागराज से 35 किमी पहले ही गाड़ियां रेंग रही हैं. घंटों तक लोग रास्तों में फंसे हुए हैं, जिससे उनकी धार्मिक यात्रा एक कठिन परीक्षा बन गई है.  

41 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं आस्था की डुबकी

महाकुंभ प्रशासन के अनुसार, रविवार 9 फरवरी तक 41.14 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अकेले रविवार को 1.42 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई.  भीड़ का यह विशाल सैलाब प्रशासन के नियंत्रण से बाहर होता नजर आ रहा है. शहर के कई फ्लाईओवर अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दिए गए हैं, लेकिन फिर भी जाम की स्थिति बेकाबू बनी हुई है.  

35 किमी पहले से गाड़ियों की कतारें, श्रद्धालु बेहाल

चारों ओर वाहनों की लंबी कतारें हैं, जो हिलने का नाम नहीं ले रही हैं. इटावा से अपने परिवार संग महाकुंभ पहुंचे समरजीत शाक्य ने बताया, "शहर की सीमा से कुंभ क्षेत्र तक पहुंचने में सात घंटे लग गए. वापसी में भी घंटों से जाम में फंसे हैं, पुलिस कोई मदद नहीं कर रही है." हालत यह है कि कई श्रद्धालु घंटों तक अपनी गाड़ियों में फंसे रहने को मजबूर हैं. पार्किंग तक पहुंचने के बाद भी लोगों को 20-25 किमी पैदल चलना पड़ रहा है, जो सभी के लिए संभव नहीं हो पा रहा है.  

प्रशासन के ट्रैफिक प्लान पर उठ रहे सवाल

यातायात नियंत्रण को लेकर प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. कानपुर से प्रयागराज की ओर आने वाला मार्ग कौशांबी जिले से ही पूरी तरह अवरुद्ध है. वाराणसी से आने वाले श्रद्धालुओं को शहर के बाहर बनी पार्किंग तक पहुंचने से पहले ही कई किलोमीटर का जाम झेलना पड़ रहा है. लखनऊ से आ रहे लोग भी 20 किमी पहले से रेंगते हुए कुंभ तक पहुंच रहे हैं, जबकि रीवा मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह सफर और भी कठिन बन गया है. शहर से 35 किमी पहले ही गाड़ियों की कतारें इतनी लंबी हैं कि लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है.  

प्रशासन पर वीआईपी प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप

महाकुंभ में पैदल आ रहे श्रद्धालुओं का गुस्सा उस वक्त और भड़क जाता है, जब प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां फर्राटा भरती हुई निकल जाती हैं."हम घंटों से जाम में फंसे हैं, लेकिन अधिकारियों के परिवार आराम से गाड़ियों में निकल रहे हैं," एक श्रद्धालु ने नाराजगी जताई. कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों और श्रद्धालुओं के बीच तीखी बहस और धक्का-मुक्की की स्थिति तक बन चुकी है. सोशल मीडिया पर भी महाकुंभ का यह महाजाम चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग प्रशासन पर अव्यवस्था के आरोप लगा रहे हैं.  

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10 February 2025, 06:31 AM IST

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