पुलिस कस्टडी में हमला, एम्स में मौत… खत्म हुआ वेस्ट यूपी के माफिया डॉन विनय त्यागी का अध्याय
वेस्ट यूपी के कुख्यात माफिया डॉन विनय त्यागी की एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान मौत हो गई. हरिद्वार में पुलिस कस्टडी के दौरान हुए जानलेवा हमले के बाद वह वेंटिलेटर पर था. उसकी मौत ने एक बार फिर माफिया नेटवर्क और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

हरिद्वार: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन विनय त्यागी की इलाज के दौरान मौत हो गई है. हरिद्वार में पुलिस कस्टडी के दौरान हुए हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, जहां वह पिछले दो दिनों से वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था. सोमवार सुबह इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
विनय त्यागी की मौत की खबर सामने आते ही पश्चिमी यूपी से लेकर उत्तराखंड तक हलचल तेज हो गई है. पुलिस महकमे में अलर्ट जारी कर दिया गया है और उसके शव का पोस्टमार्टम एम्स ऋषिकेश में किया जाएगा. यह वही माफिया डॉन था, जिसके नाम से कई राज्यों में खौफ जुड़ा हुआ था और जिस पर दर्जनों संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज थे.
पुलिस कस्टडी में हुआ था जानलेवा हमला
बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले हरिद्वार में पुलिस विनय त्यागी को कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी. इसी दौरान एक पुल पर पुलिस वाहन को अचानक नकाबपोश बदमाशों ने घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस की मौजूदगी में ही बदमाश कई राउंड गोलियां चलाते रहे और वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए.
इस हमले में विनय त्यागी को गंभीर गोलियां लगी थीं. हालत नाजुक होने पर उसे तुरंत ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा. हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.
कई राज्यों में फैला था क्राइम नेटवर्क
विनय त्यागी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक कुख्यात माफिया डॉन था, जिसका अपराध नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं था. दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र तक उसके गिरोह की पहुंच बताई जाती है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह लंबे समय से कई राज्यों में वांटेड चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलता रहता था.
हत्या, रंगदारी और हथियार तस्करी के दर्जनों मामले
विनय त्यागी के खिलाफ हत्या, रंगदारी, अपहरण और हथियार तस्करी जैसे गंभीर अपराधों के करीब 57 से 60 मुकदमे दर्ज थे. कम उम्र में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था और धीरे-धीरे अपना एक संगठित गिरोह खड़ा कर लिया. आरोप है कि वह एक राज्य से दूसरे राज्यों में अवैध हथियारों की सप्लाई भी करता था. उसके गिरोह में दो दर्जन से अधिक बदमाशों के शामिल होने की बात सामने आई है.
मौत के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
विनय त्यागी की मौत के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. आशंका जताई जा रही है कि उसके नेटवर्क से जुड़े लोग किसी तरह की वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इसी को देखते हुए पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के संवेदनशील इलाकों में पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है.


