मेरठ में कांवड़ मार्ग की मस्जिदों को ढका गया, प्रशासन ने झाड़ा पल्ला
मेरठ में कांवड़ मार्ग के किनारे स्थित कई मस्जिदों और मजारों को सफेद कपड़ों से ढक दिया गया. ये सामाजिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.

सावन के पवित्र महीने में जब कांवड़ यात्रा शुरू हुई, तब मेरठ जिले में एक चौंकाने वाला दृश्य सामने आया. कांवड़ मार्ग के किनारे स्थित कई मस्जिदों और मजारों को सफेद कपड़ों से ढक दिया गया, जिससे सामाजिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है. खास बात यह है कि इस पूरे मामले पर पुलिस और प्रशासन किसी भी आधिकारिक आदेश से इनकार कर रहे हैं.
धार्मिक स्थलों को ढका गया
दिल्ली-देहरादून हाईवे, नहर पटरी मार्ग, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड और गढ़ रोड जैसे प्रमुख रास्तों पर स्थित धार्मिक स्थलों को ढका गया है. माल रोड और लेखा नगर की मजारों से लेकर परतापुर से मोदीपुरम तक की कई मस्जिदें अब कपड़ों से ढकी हुई हैं, जो आम दिनों में खुले रूप में देखी जाती थीं.
जब इस पर मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ किया कि उनकी ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि यदि यह कार्य सामाजिक सौहार्द के लिए किया गया है, तो इसे एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा सकता है. वहीं, सीओ दौराला प्रकाश चंद अग्रवाल ने किसी भी तरह के निर्देश या बैठक से इनकार किया.
काजी डॉ. जैनुस सालिकीन ने क्या कहा?
इस मामले पर शहर के काजी डॉ. जैनुस सालिकीन ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है, न ही किसी प्रशासनिक आदेश की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि मस्जिदों और मजारों की वास्तविक स्थिति का पता वहीं के प्रबंधकों से बात करने के बाद ही लग सकता है. कारी शफीकुर्रहमान ने प्रशासन की इस चुप्पी पर हैरानी जताई और कहा कि कम से कम स्थानीय मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का भी सम्मान किया जाना चाहिए.


