महाराष्ट्र में रहस्यमयी बीमारी! बुलढाणा में बाल झड़ने के बाद अब लोगों के गिरने लगे नाखून
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के कई गांवों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या देखी जा रही है, क्योंकि जो लोग पहले बाल झड़ने की शिकायत करते थे, अब उनके नाखून भी गिरने लगे हैं.

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के कई गांवों में लोग एक अजीब स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं. पहले जहां लोगों के बाल तेजी से झड़ने लगे थे, अब उनके नाखून भी गिरने लगे हैं. यह समस्या दिसंबर 2024 के अंत में शुरू हुई थी और अब अप्रैल 2025 तक लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक जिले के 18 गांवों में 279 लोग इस समस्या से प्रभावित हो चुके हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि दिसंबर में बाल झड़ने के मामले सामने आए थे और अब पिछले कुछ दिनों से नाखून गिरने की घटनाएं हो रही हैं. इससे लोग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान हो रहे हैं. कई लोगों को सामाजिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है, जैसे स्कूल में बच्चों को चिढ़ाया जाना या शादी-ब्याह में कठिनाई होना. कुछ ने शर्मिंदगी से बचने के लिए सिर भी मुंडवा लिए हैं.
बालों के बाद अब नाखून भी छोड़ रहे साथ
इस रहस्यमयी समस्या को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों ने जांच की. प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने बताया कि इसका मुख्य कारण सरकारी राशन के तहत मिलने वाले गेहूं में सेलेनियम की अधिकता हो सकती है. उनके अनुसार, पंजाब और हरियाणा से आए गेहूं में सेलेनियम का स्तर स्थानीय गेहूं की तुलना में 600 गुना अधिक पाया गया.
बुलढाणा में फैली रहस्यमयी बीमारी
सेलेनियम एक प्राकृतिक खनिज है, जो सामान्यतः मिट्टी, पानी और कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. शरीर को इसकी बहुत कम मात्रा की ही आवश्यकता होती है, लेकिन अत्यधिक मात्रा नुकसानदायक हो सकती है. जब शरीर में सेलेनियम की मात्रा अधिक हो जाती है, तो इसके लक्षणों में बाल झड़ना, नाखून टूटना और त्वचा की समस्याएं शामिल हो सकती हैं.
बुलढाणा में बाल-नाखून झड़ने की वजह बना सेलेनियम!
डॉ. बावस्कर और उनकी टीम ने प्रभावित गांवों में जाकर राशन के गेहूं, लोगों के रक्त, मूत्र और बालों की जांच की, जिसमें सेलेनियम का उच्च स्तर पाया गया. हालांकि गेहूं में किसी बाहरी रासायनिक मिलावट के प्रमाण नहीं मिले, लेकिन यह स्पष्ट हुआ कि जिस क्षेत्र की मिट्टी में यह गेहूं उगाया गया था, वहां सेलेनियम की मात्रा सामान्य से बहुत ज्यादा थी.
सरकारी गेहूं में ज़हर?
अब विशेषज्ञ और स्थानीय लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि खाद्य आपूर्ति प्रणाली को बेहतर तरीके से विनियमित किया जाए, खासकर उन इलाकों में जहां लोग पूरी तरह से सरकारी राशन पर निर्भर हैं. इससे भविष्य में इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकेगा और लोगों का जीवन सुरक्षित रह सकेगा.


