SIR पर राहुल गांधी का प्रहार, कहा- 'गरीबों के वोट चुराने की कोशिश'
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र गरीब तबके के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रहा है.

Rahul Gandgi on Bihar SIR: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र गरीब तबके के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रहा है. बिहार के अररिया में आयोजित 'मतदाता अधिकार यात्रा' की रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने दावा किया कि राज्य में चल रहा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) दरअसल वोट चोरी करने की एक सोची-समझी प्रक्रिया है.
चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि यह पूरा अभियान चुनाव आयोग की मिलीभगत से चलाया जा रहा है. उनके अनुसार, "सरकार ने पहले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपा और अब लोकतंत्र की जड़ें खोखली करने के लिए गरीबों का वोट छीनने का प्रयास हो रहा है. एसआईआर वोट चुराने का संस्थागत तरीका है, जिसे संवैधानिक प्रक्रिया का नाम दिया जा रहा है."
चुनाव आयोग पर तीखी टिप्पणी करते हुए राहुल ने इसे "चुनाव आयोग" नहीं बल्कि "चुनावी चूक" करार दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह की कवायद पूरी तरह असंवैधानिक है और इसका लक्ष्य उन वर्गों को मताधिकार से वंचित करना है, जिनकी आवाज़ सत्ता को असहज करती है. उन्होंने भरोसा जताया कि भारत गठबंधन (INDIA Bloc) बिहार में इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगा और जनता भाजपा को विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगी.
मोदी सरकार की नीतियों पर हमला
राहुल गांधी ने अपनी रैली में युवाओं और गरीब तबके की समस्याओं का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों ने रोजगार के अवसरों को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी उपक्रमों के बड़े पैमाने पर निजीकरण ने लाखों युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है. अब जब रोज़गार छिन चुके हैं, तो गरीबों का वोट छीनकर लोकतंत्र को भी कमजोर किया जा रहा है.
उन्होंने मंच से यह भी कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार देता है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से क्यों न हो।य लोकतंत्र की रक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी है और हम इसे कमजोर नहीं होने देंगे.
गौरतलब है कि 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई 1,300 किलोमीटर लंबी 'मतदाता अधिकार यात्रा' 16 दिनों तक बिहार के 20 से अधिक जिलों से होकर गुज़रेगी. इस यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं को जागरूक करना और कथित अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाना है. यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना में होने वाली एक विशाल रैली के साथ किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है.


