हरिद्वार में घर में मगरमच्छ घुसने से लोगों में मचा हड़कंप, फोरेस्ट टीम ने रेस्क्यू कर गंगा नदी में छोड़ा
हरिद्वार में घर में मगरमच्छ घुसने से लोगों में मचा हड़कंप, फोरेस्ट टीम ने रेस्क्यू कर गंगा नदी में छोड़ा. वन विभाग लगातार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है और लोगों से सहयोग की अपील कर रहा है.

Uttarakhand Crocodile: हरिद्वार जिले के लक्सर ब्लॉक के गिद्दावाली गांव में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक मगरमच्छ एक घर में घुस आया. स्थानीय लोगों की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड वन विभाग की विशेषज्ञ टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़कर गंगा नदी में छोड़ दिया. यह घटना मानसून के मौसम में वन्यजीवों के मानव बस्तियों में प्रवेश करने की बढ़ती समस्या को उजागर करती है. वन विभाग ने इस क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है और ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया है. अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी घटनाओं की तत्काल सूचना वन विभाग की हेल्पलाइन पर दें. यह हरिद्वार में इस साल की दूसरी ऐसी घटना है, जो मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों को दर्शाती है.
एक घंटे तक चला बचाव अभियान
गिद्दावाली गांव में मगरमच्छ के एक घर में घुसने की सूचना मिलते ही वन विभाग ने तुरंत प्रतिक्रिया बचाव दल को मौके पर भेजा. यह दल सरीसृपों, विशेष रूप से मगरमच्छों, से निपटने में प्रशिक्षित है. हरिद्वार के वन रेंजर शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया, 'हमारी विशेषज्ञ टीम ने मगरमच्छ को बिना किसी नुकसान के सुरक्षित रूप से पकड़ लिया और गंगा नदी में छोड़ दिया गया.
मानसून में बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं
हरिद्वार जिले में मानसून के महीनों में नदियों और नहरों में जल स्तर बढ़ने के कारण मगरमच्छ और अन्य वन्यजीव अपने प्राकृतिक आवासों से बाहर निकलकर मानव बस्तियों में प्रवेश कर रहे हैं. इस साल मई में भी हरिद्वार के मुंडा खेड़ा गांव से एक मगरमच्छ को बचाया गया था. पिछले साल अक्टूबर में भगवानपुर रोड और सितंबर में हरिद्वार-कोटद्वार राजमार्ग पर श्यामपुर क्षेत्र तथा खटीमा की अमाऊ कॉलोनी से दो मगरमच्छों को सुरक्षित पकड़कर बाण गंगा नदी में छोड़ा गया था.
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह
वन विभाग ने जलाशयों के निकट बसे गांवों में सतर्कता बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीणों को कई सावधानियां बरतने की सलाह दी है. शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा, 'ग्रामीणों को रात में अपने घरों के आसपास पर्याप्त रोशनी बनाए रखने की सलाह दी गई है. हम स्थानीय निवासियों को जागरूक कर रहे हैं कि अगर रिहायशी इलाकों में मगरमच्छ समेत कोई भी जंगली जानवर दिखाई दे, तो वे तुरंत हमें सूचित करें. लोग तुरंत सहायता के लिए वन विभाग की हेल्पलाइन 1926 पर कॉल कर सकते हैं.
उत्तराखंड में घड़ियालों का घर
उत्तराखंड भारत की दो मगरमच्छ प्रजातियों - मगर मगरमच्छ और घड़ियाल - का निवास स्थान है. ये प्रजातियां मुख्य रूप से कॉर्बेट परिदृश्य, तराई क्षेत्र, हरिद्वार वन प्रभाग के कुछ हिस्सों और राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हाल ही में हुई जलीय जनगणना में 197 मगरमच्छ और 183 घड़ियाल दर्ज किए गए.
मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौती
हाल के वर्षों में हरिद्वार में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं. साल 2020 में एक मगरमच्छ ने हरिद्वार में एक आठ साल की बच्ची की जान ले ली थी. वहीं, 2022 में खटीमा में ग्रामीणों पर मगरमच्छ को मारने का मामला दर्ज किया गया था. वन विभाग लगातार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है और लोगों से सहयोग की अपील कर रहा है.


