पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में गुरु तेग बहादुर को दी श्रद्धांजलि, धर्म की रक्षा के लिए बलिदान का जताया सम्मान
पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में नौवें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी जयंती के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र में नौवें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी जयंती के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए गुरु तेग बहादुर को सत्य, न्याय और आस्था का प्रतीक बताया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
गुरु साहिब को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरु साहिब ने धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कुरुक्षेत्र की धरती का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां भगवान श्रीकृष्ण ने सत्य और न्याय की रक्षा को सर्वोच्च धर्म बताया, वहीं गुरु तेग बहादुर ने भी इन्हीं मूल्यों की रक्षा को अपना धर्म माना. इस अवसर पर सरकार ने गुरु साहिब के सम्मान में स्मारक डाक टिकट और विशेष सिक्का जारी किया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकार हमेशा गुरु परंपरा की सेवा करती रहे.
#WATCH | Kurukshetra, Haryana | PM Modi says, "Today, when the Dharma Dhwaja has been hoisted in Ayodhya, I have the opportunity to seek blessings from the Sikh community. Just a short while ago, the Panchjanya Memorial was also inaugurated on the land of Kurukshetra. Standing on… pic.twitter.com/jn62pK0AJC
— ANI (@ANI) November 25, 2025
पीएम मोदी ने मुगल काल के दौरान हुए अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु साहिब ने कश्मीरी हिंदुओं की मदद की, जिन्हें जबरन धर्मांतरण के खतरे का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर का जीवन और बलिदान आज भी प्रेरणा का स्रोत है.
#WATCH | Kurukshetra, Haryana | PM Modi says, "Personalities like Sri Guru Tegh Bahadur Ji are rare in history. Their life, their sacrifice, and their character are a great source of inspiration. In that era of Mughal invaders, Guru Sahib established an ideal of bravery... During… pic.twitter.com/M8YddDNj3y
— ANI (@ANI) November 25, 2025
पांचजन्य स्मारक का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र में पांचजन्य स्मारक का उद्घाटन भी किया, जो भगवान कृष्ण के पवित्र शंख से प्रेरित है. इसके साथ ही उन्होंने महाभारत अनुभव केंद्र का दौरा किया, जो डिजिटल तकनीक के माध्यम से महाभारत के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाने के लिए तैयार किया गया है. इस केंद्र का उद्देश्य महाकाव्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को लोगों तक पहुंचाना है. इस दौरे में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी प्रधानमंत्री के साथ उपस्थित थे.
महाभारत अनुभव केंद्र भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकसित किया गया है और इसकी अनुमानित लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है. परिसर में डिजिटल इंस्टॉलेशन का उपयोग कर महाभारत की कथा और विरासत को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है. पांचजन्य स्मारक का निर्माण सत्य और धर्म की विजय का प्रतीक है. यह 4 से 5 मीटर ऊंचा और लगभग 5 से 5.5 टन वज़न का है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर में भगवा ध्वज फहराया. इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. ध्वज पर सूर्य, ॐ और कोविदारा वृक्ष जैसे पवित्र प्रतीक अंकित हैं. मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में किया गया, जिसे शुभ माना जाता है. भगवा ध्वज त्याग, भक्ति और पवित्रता के आदर्शों का प्रतीक है.


