नीतीश-तेजस्वी के बीच सियासी टकराव, क्या लालू का हस्तक्षेप बदल सकेगा समीकरण?
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी सात महीने बाकी हैं. पर चुनावी सरगर्मी अभी से रफ्तार पकड़ चुकी है. अलग-अलग नामों से सभी दलों के चुनावी दौरे शुरू हो हैं. सीएम नीतीश कुमार डेढ़ महीने से प्रगति यात्रा कर रहे हैं. अब तो पीएम नरेंद्र मोदी भी 24 फरवरी को बिहार आ रहे हैं. महागठबंधन में तेजस्वी यादव भी लगातार यात्रा पर रहे हैं.

बिहार में अब राजनीति गरम हो गई है और सभी दल और गठबंधन चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं. एनडीए (एनडीए) में सभी नेता मिलकर एक साथ दौरे कर रहे हैं, जबकि महागठबंधन में हर नेता अकेले दौरे कर रहा है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार के हर जिले में कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. सीपीआई (एमएल) नेता 'बिहार बदलो' अभियान के तहत दौरे कर रहे हैं, और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की निषाद आरक्षण यात्रा भी जारी है.
कांग्रेस ने भी बिहार में चुनावी तैयारी के लिए दो बड़े आयोजन किए हैं, जिनमें राहुल गांधी ने भाग लिया. इन आयोजनों से बिहार कांग्रेस को थोड़ी हिम्मत मिली है, लेकिन राहुल गांधी ने जिस तरह की बातें कीं, उससे महागठबंधन को अधिक नुकसान हो सकता है.
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा जारी
एनडीए नेताओं ने हाल ही में कम से कम पांच दौरे किए हैं. पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिन्दू स्वाभिमान यात्रा निकाली थी, लेकिन जेडीयू की आपत्ति के कारण भाजपा ने इसे निजी यात्रा बता दिया. इसके बाद जेडीयू के मनीष वर्मा ने पुराने कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए यात्रा की. अब एनडीए में शामिल सभी पार्टियों के प्रमुख जिलों में यात्रा पर जा रहे हैं. नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा भी जारी है और पीएम नरेंद्र मोदी भी 24 फरवरी को बिहार आने वाले हैं.
नीतीश-तेजस्वी के बीच सियासी टकराव
महागठबंधन में भी दौरे हो रहे हैं, लेकिन एनडीए की तरह सब मिलकर नहीं बल्कि अलग-अलग दौरे कर रहे हैं. सभी का उद्देश्य एक ही है, एनडीए से सत्ता छीनना. तेजस्वी यादव लगातार यात्रा पर हैं, सीपीआई (एमएल) का 'बदलो बिहार' कार्यक्रम चल रहा है, और मुकेश सहनी की निषाद आरक्षण यात्रा भी जारी है. कांग्रेस ने भी राहुल गांधी के साथ दो महत्वपूर्ण दौरे किए हैं. इन यात्राओं में महागठबंधन सरकार की कई योजनाओं और उपलब्धियों को बताया जा रहा है, लेकिन राहुल गांधी ने जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट को फर्जी बताकर महागठबंधन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि पर सवाल उठाए.


