रेपिस्ट प्रज्वल रेवन्ना को जेल में मिली नई पहचान, सजा मिलने के बाद फूट-फूटकर रोया कैदी नंबर 15528... जानिए कैसी गुजरी पहली रात
जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यौन उत्पीड़न के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल में कैद कर लिया गया है. उन्हें जेल में कैदी संख्या 15528 दी गई है. विशेष जांच दल (SIT) द्वारा पूछताछ के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेजा गया. मामले में आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है.

कभी कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा नाम माने जाने वाले प्रज्वल रेवन्ना अब कैदी नंबर 15528 बन चुके हैं. घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद अदालत ने उन्हें दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. शनिवार की रात से वह बेंगलुरु स्थित परप्पना अग्रहारा केंद्रीय जेल में बंद हैं और उनकी सियासी पहचान अब जेल की सफेद वर्दी में गुम हो चुकी है. अदालत ने उन्हें 11.50 लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है, जिसमें से 11.25 लाख रुपए पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे.
गंभीर धाराओं में दोष सिद्ध
IPC 376(2)(K) – अधिकार की स्थिति में बलात्कार
IPC 376(2)(N) – बार-बार बलात्कार
IPC 354A – यौन उत्पीड़न
IPC 354B – महिला के कपड़े उतारने के इरादे से हमला
IPC 354C – दृश्यरतिकता
IPC 506 – आपराधिक धमकी
IPC 201 – सबूत मिटाना
आईटी एक्ट की धारा 66E – गोपनीयता का उल्लंघन
अदालत ने दोहरी उम्रकैद के साथ-साथ इन धाराओं में अलग-अलग सजा और जुर्माने का भी आदेश दिया.
जेल में बदली पहचान और दिनचर्या
अदालत का फैसला आने के बाद जैसे ही प्रज्वल जेल पहुंचे, उन्हें अपराधी बैरक में स्थानांतरित कर दिया गया और उनकी नई पहचान कैदी संख्या 15528 के रूप में दर्ज हुई. उन्हें जेल की सफेद वर्दी पहनाई गई और अब वे आम कैदियों की तरह जेल की सख्त दिनचर्या का पालन करेंगे. शुरुआत में उन्हें अकुशल श्रमिक के रूप में रखा गया है और इसके एवज में उन्हें सिर्फ 524 रुपये मासिक वेतन मिलेगा. प्रदर्शन बेहतर होने पर उन्हें कुशल श्रेणी में प्रोमोट किया जा सकता है.
जेल में पहली रात, भावुक और बेचैन
प्रज्वल रेवन्ना की पहली रात जेल में काफी भावुक रही. जेल सूत्रों के अनुसार, वे बेहद परेशान और मानसिक रूप से असहज दिखे. कई बार उनकी आंखों में आंसू देखे गए. मेडिकल जांच के दौरान उन्होंने डॉक्टरों को अपनी परेशानी बताई. वर्तमान में उन्हें हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है और उनके चारों ओर कड़ी सुरक्षा तैनात है. जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी. वे जेल के अन्य कैदियों की तरह सभी नियमों और कानूनों के अधीन रहेंगे.
वीडियो वायरल होने से लेकर सजा तक का सफर
यह मामला अप्रैल 2024 में सुर्खियों में आया, जब लोकसभा चुनाव प्रचार चरम पर था. उसी दौरान सोशल मीडिया पर प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो वायरल हुए, जिनमें वे अपनी घरेलू सहायिका के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आए. पहले उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया और मतदान के बाद विदेश भाग गए. लेकिन जब पूर्व घरेलू सहायिका ने 27 अप्रैल 2024 को शिकायत दर्ज करवाई, तब उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ.
16 महीने बाद मिला न्याय
इसके बाद एसआईटी ने तेजी से जांच करते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल की. करीब 16 महीनों तक केस चला, और आखिरकार पीड़िता को न्याय मिला. अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुना दी, जिससे अब उनकी पहचान सिर्फ एक आरोपी राजनेता नहीं, बल्कि एक दोषी कैदी बन चुकी है.
सलाखों के पीछे सिसकता हुआ रेवन्ना
कभी चुनावी मंचों और सियासी गलियारों में गूंजने वाला नाम प्रज्वल रेवन्ना अब सलाखों के पीछे सिसकता हुआ दिखाई दे रहा है. इस फैसले ने साबित किया कि कानून के सामने कोई भी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, दोष सिद्ध होने पर उसे सजा जरूर मिलती है. पीड़िता को मिला न्याय समाज में विश्वास की लौ को फिर से जगाता है और सत्ताधारी लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश देता है कि अपराध का अंजाम सजा ही होता है.


