score Card

दवा माफिया की खैर नहीं! सिरप से बच्चों की मौत के बाद पंजाब सरकार का बड़ा कदम, कोल्ड्रिफ समेत 8 दवाओं पर लगाया कड़ा बैन

Coldrif syrup banned in Punjab : मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ़ सिरप से बच्चों की मौत के बाद, पंजाब सरकार ने इसे और सात अन्य दवाओं को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स को इन दवाओं का उपयोग रोकने का आदेश दिया है. सरकार ने सुरक्षा उपायों को सख्त करते हुए गुणवत्ता जांच तेज की है और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी और समिति गठित की है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Coldrif syrup banned in Punjab : मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 14 से 16 बच्चों की मौत के बाद, पंजाब सरकार ने तत्परता से संज्ञान लेते हुए इस सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में नागरिकों की जान की कीमत पर कोई समझौता नहीं होगा. सरकार ने दिखाया है कि आम जनता की सेहत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है.

केवल एक सिरप नहीं, आठ दवाओं पर लगाया गया प्रतिबंध

कोल्ड्रिफ सिरप के साथ-साथ राज्य सरकार ने अन्य सात दवाओं पर भी प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इनमें नॉर्मल सेलाइन, डेक्सट्रोज़ इंजेक्शन, सिप्रोफ्लोक्सासिन इंजेक्शन, DNS 0.9%, N/2 प्लस डेक्सट्रोज़ IV फ्लूइड, और ब्यूपिवाकेन HCL विद डेक्सट्रोज़ शामिल हैं. इन दवाओं से बार-बार साइड इफेक्ट की शिकायतें आ रही थीं. राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों को आदेश दिया गया है कि इन दवाओं की खरीद और इस्तेमाल तत्काल बंद किया जाए.

फार्मा कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
सरकार की ओर से फार्मा कंपनियों की लापरवाही पर भी सख्त रुख अपनाया गया है. तीन फार्मा कंपनियों की दवाएं प्रतिबंधित की गई हैं और मेडिकल स्टोर मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन दवाओं की बिक्री तुरंत रोक दें. इसके साथ ही पुराने स्टॉक को भी मेडिकल स्टोर्स से वापस लेने का आदेश जारी किया गया है. सभी डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को वैकल्पिक, सुरक्षित दवाओं के उपयोग का निर्देश दिया गया है.

मरीजों की सेहत की सुरक्षा के लिए विशेष समिति गठित
पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित की है जो इन प्रतिबंधित दवाओं के साइड इफेक्ट से प्रभावित मरीजों की पहचान और इलाज की योजना तैयार करेगी. सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसी सभी घटनाओं की रिपोर्ट तैयार कर समिति को सौंपें. यह कदम राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में अहम है.

गुणवत्ता निगरानी और बाजार में सख्ती
दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सरकार अब और अधिक सतर्क हो गई है. ड्रग कंट्रोल विभाग की टीमें बाजार में मौजूद दवाओं के नियमित सैंपल ले रही हैं और उनकी गहन जांच की जा रही है. सरकार ने साफ कहा है कि अब राज्य में कोई भी दवा बिना सख्त जांच के बाजार में नहीं बिकेगी. किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

मेडिकल स्टाफ के लिए जागरूकता अभियान
सरकार ने आम नागरिकों, खासकर अभिभावकों और मेडिकल कर्मचारियों के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत बताया जा रहा है कि कौन-कौन सी दवाएं प्रतिबंधित हैं, और उनके संभावित दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं. साथ ही सभी चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोई भी प्रतिबंधित दवा मरीज तक न पहुंचे.

हेल्पलाइन और रिपोर्टिंग व्यवस्था लागू
सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जहां नागरिक 24 घंटे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यदि किसी के पास अभी भी प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक है या किसी मरीज को दवा से नुकसान हुआ है, तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि हर शिकायत पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी.

जनहित में लिया गया यह फैसला ऐतिहासिक
पंजाब सरकार का यह कदम जनहित में लिया गया एक साहसिक निर्णय है, जो यह दर्शाता है कि राज्य सरकार किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी. यह केवल स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक प्रयास नहीं, बल्कि जनता की जान की हिफाजत की दिशा में ठोस पहल है. इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी सरकार सिर्फ नारेबाज़ी नहीं करती, बल्कि ज़मीन पर सख़्त और ज़िम्मेदार निर्णय लेने में भी आगे है.

calender
15 October 2025, 06:01 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag