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बच्चों की सुरक्षा पर सख्त हुई पंजाब सरकार, बदलेगी स्कूल वाहन नीति

पंजाब सरकार स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ी पहल करने जा रही है. वर्ष 2013 की सुरक्षित स्कूल वाहन नीति में बदलाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. अब स्कूल प्रिंसिपल के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन समिति को भी वाहन हादसों में जिम्मेदार ठहराने का प्रावधान शामिल किया जाएगा.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Punjab News: पंजाब में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने बड़ी पहल की है. अब तक स्कूल वाहन हादसों की जिम्मेदारी सिर्फ स्कूल प्रिंसिपल पर डाली जाती थी, लेकिन जल्द ही यह स्थिति बदलने जा रही है. सरकार पुरानी सुरक्षित स्कूल वाहन नीति में अहम संशोधन करने की तैयारी कर रही है, जिसमें स्कूल प्रबंधन समिति को भी जवाबदेह बनाया जाएगा. यह कदम बच्चों की बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर उठाया जा रहा है, जिससे स्कूली परिवहन व्यवस्था को अधिक जिम्मेदार और सुरक्षित बनाया जा सके.

नई नीति के तहत, यदि किसी वाहन को बच्चे के अभिभावकों ने खुद बुक किया है और वह हादसे का शिकार होता है, तो भी स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन समिति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. साथ ही, स्कूलों के पास छुट्टी के समय ट्रैफिक को वन वे करने का भी प्रस्ताव है ताकि यातायात जाम और दुर्घटनाओं से बचा जा सके.

2013 की नीति में होगा बड़ा संशोधन

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2013 में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सुरक्षित स्कूल वाहन नीति लागू की गई थी. उस समय यह तय किया गया था कि वाहन दुर्घटना की स्थिति में केवल स्कूल प्रिंसिपल जिम्मेदार होंगे. लेकिन अब सरकार पुरानी नीति की खामियों को देखते हुए उसमें जरूरी संशोधन करने जा रही है.

पटियाला हादसे ने जगाई चिंता

हाल ही में पटियाला-समाना रोड पर एक भीषण हादसे में इनोवा कार और तेज रफ्तार टिप्पर की टक्कर में 7 स्कूली बच्चों की जान चली गई. यह इनोवा कार बच्चों के अभिभावकों ने खुद बुक करवाई थी, जिसमें 7 की जगह 14 बच्चे बैठे थे. जांच में सामने आया कि टिप्पर चालक नाबालिग था और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था. इस हादसे ने राज्य सरकार और बाल अधिकार आयोग को नीति पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर कर दिया.

स्कूल प्रबंधन की भूमिका होगी अहम

पंजाब बाल अधिकार संरक्षण आयोग का मानना है कि वाहन की फिटनेस, चालक की योग्यता और ओवरलोडिंग पर नजर रखने की जिम्मेदारी सिर्फ प्रिंसिपल की नहीं, बल्कि स्कूल प्रबंधन समिति की भी होनी चाहिए. आयोग ने ट्रांसपोर्ट विभाग को सिफारिश भेजी है कि चाहे वाहन स्कूल का हो या ठेके पर लिया गया हो, बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की ही मानी जाए.

8 सदस्यीय समिति कर रही है मंथन

ट्रांसपोर्ट विभाग ने 2013 की नीति में बदलाव के लिए एक 8 सदस्यीय समिति गठित की है. इस समिति में चंडीगढ़, जालंधर और पटियाला की रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और सड़क सुरक्षा विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं. यह समिति एक महीने के भीतर नीति में बदलाव के सुझाव प्रस्तुत करेगी.

नई नीति में होंगे ये संभावित बदलाव

  • स्कूल प्रबंधन समिति को दुर्घटना के मामलों में जिम्मेदार ठहराया जाएगा

  • अभिभावकों द्वारा बुक किए गए वाहन की दुर्घटना पर भी स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी

  • छुट्टी के समय ट्रैफिक को वन-वे करने का प्रस्ताव

  • बिना लाइसेंस और अनफिट वाहनों पर सख्त कार्रवाई

  • ओवरलोडिंग करने वाले चालकों के खिलाफ होगी सख्त सजा

आयोग की सिफारिशों पर तेजी से काम

पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग के एडिशनल स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सुखविंद्र कुमार के अनुसार, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिशों पर मंथन शुरू हो चुका है. जल्द ही नई सुरक्षित स्कूल वाहन नीति का मसौदा तैयार किया जाएगा. विभाग का मकसद है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो.

पुरानी नीति से हुईं थीं कई गलतियां

बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष कंवरदीप सिंह और डिप्टी डायरेक्टर राजविंद्र सिंह गिल ने स्पष्ट किया कि पुरानी नीति में प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी तय नहीं की गई थी, जबकि वाहन बदलने और किराए पर लेने जैसे फैसले समिति के ही अधिकार क्षेत्र में आते हैं. इसी कारण कई बार गलत वाहनों और चालकों को स्कूल से जोड़ा गया, जिससे मासूमों की जान गई.

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27 June 2025, 01:00 PM IST

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