RJD में मचा सियासी घमासान: उम्मीदवारों से सिंबल वापस, देर रात राबड़ी आवास पर गहमागहमी
RJD Symbol Wthdrawal: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की तारीख नजदीक आ रही है, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर जोर-शोर से रस्साकशी शुरू हो गई है. हर दल अपनी दावेदारी ठोक रहा है और गठबंधन के भीतर खींचतान का माहौल गरमा रहा है.

RJD Symbol Wthdrawal: राजद में एक बार फिर टिकट को लेकर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. जिस तरह से बुधवार की शाम लालू प्रसाद यादव ने अपने आवास पर कुछ नेताओं को सिंबल देकर उम्मीदवार घोषित किया, उसी तेजी से गुरुवार की देर रात उन नेताओं से सिंबल वापस भी ले लिए गए. तेजस्वी यादव के दिल्ली से लौटने के बाद अचानक बदले घटनाक्रम ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है. पार्टी की ओर से अब तक स्पष्ट रूप से सिंबल वापसी की कोई वजह नहीं बताई गई है, लेकिन इस घटनाक्रम ने गठबंधन, प्रत्याशियों और संभावित समझौतों को लेकर नए कयासों को जन्म दे दिया है. राबड़ी देवी के सरकारी आवास के बाहर देर रात तक कार्यकर्ताओं और नेताओं की भीड़ लगी रही, लेकिन अंदर क्या चला, यह अब भी पर्दे में है.
देर रात तेजस्वी यादव की एंट्री और सिंबल वापसी
बुधवार शाम मनेर विधायक भाई वीरेंद्र, परबत्ता से डॉ. संजीव, मटिहानी से बोगो सिंह और संदेश से अरुण यादव के बेटे को लालू प्रसाद यादव ने विधिवत पार्टी सिंबल दिया था. इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं. लेकिन जैसे ही तेजस्वी यादव दिल्ली से लौटे, इन सभी नेताओं को राबड़ी देवी के आवास पर देर रात बुलाया गया और उनसे सिंबल वापस ले लिए गए.
राजद नेता अली अशरफ फातमी का बयान
इस पूरे विवाद पर राजद नेता अली अशरफ फातमी ने हैरान करने वाला बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वह या तो 2020 के चुनाव की हैं या फिर AI जनरेटेड हैं. लालू जी ने किसी को सिंबल नहीं दिया है. हालांकि, जिन नेताओं को सिंबल मिला था, वे खुद राबड़ी आवास पर जाकर उसे लौटाते दिखे. मनेर विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुझे कुछ नेताओं के बारे में फीडबैक देना था, इसलिए आया था. जबकि बोगो सिंह ने कहा कि हम नेता से मिलने आए थे.
राबड़ी आवास पर नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़
गुरुवार देर रात राबड़ी देवी के आवास के बाहर अचानक से नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया. अंदर क्या हो रहा था, इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई. बाहर मौजूद कार्यकर्ता आपस में कांग्रेस से गठबंधन टूटने और नए गठबंधन की चर्चा कर रहे थे. करीब ढाई बजे राजद सांसद संजय यादव आवास से बाहर निकले. उनके साथ पूर्व सांसद प्रिंस पासवान भी गाड़ी में मौजूद थे. पासवान कुछ समय पहले ही अपनी पार्टी में आने से इनकार कर चुके थे. ऐसे में उनकी उपस्थिति ने नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
सिंबल वापसी की वजह
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर किन कारणों से उम्मीदवारों से सिंबल वापस लिए गए. क्या यह आंतरिक मतभेद का नतीजा था या फिर कोई नया राजनीतिक समीकरण बनने जा रहा है. इस पर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बिहार की राजनीति में हलचल
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया है. राजद के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद और संभावित गठबंधन समीकरणों पर चर्चा जोरों पर है. आने वाले दिनों में राजद की रणनीति क्या होगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.


