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दिल्ली में 12 फरवरी को रहेंगे स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद, एलजी वीके सक्सेना ने जारी किया आदेश, जानें क्यों

गुरु रविदास जयंती हर साल बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग इस दिन गुरु रविदास की पूजा और भव्य आयोजनों में शामिल होते हैं. गुरु रविदास एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे, और उनके विचार आज भी समाज को प्रेरित करते हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

दिल्ली सरकार ने 12 फरवरी 2025 को गुरु रविदास जयंती के अवसर पर सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस दिन को पहले रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे से बदलकर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. इस दिन दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों, स्वायत्त संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में अवकाश रहेगा. एलजी ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी कर दी है.

आदेश में क्या कहा गया?

वीके सक्सेना द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 12 फरवरी को दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे. इसके अतिरिक्त, स्वतंत्र निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों के कार्यालय भी बंद रहेंगे. नए आदेश में कहा गया है कि नवंबर 2024 में गुरु रविदास जयंती के अवसर पर घोषित प्रतिबंधित अवकाश को रद्द कर दिया गया है. अवकाश को लेकर एलजी के आदेश का असर केवल सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक उपक्रमों तक सीमित है. निजी कंपनियों, स्कूलों और अन्य संस्थानों के लिए इसे लागू करना अनिवार्य नहीं है.

गुरु रविदास जयंती की धूमधाम

गुरु रविदास जयंती हर साल बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग इस दिन गुरु रविदास की पूजा और भव्य आयोजनों में शामिल होते हैं. गुरु रविदास एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे, और उनके विचार आज भी समाज को प्रेरित करते हैं.

कौन थे गुरु रविदास?

संत रविदास का जन्म यूपी के वाराणसी के एक गांव में हुआ माना जाता है. वे जूते बनाने का काम करते थे. वह एक आध्यात्मिक गुरू थे और उन्हें फॉलो करने वाले लोगों की संख्या लाखों में है. जिस समय उनका जन्म हुआ, उस समय उत्तर क्षेत्र में मुगलों का शासन था. कई बार मुगलों द्वारा कोशिश की गई कि रविदास मुसलमान बन जाएं, जिससे उनके अनुयायी भी मुसलमान बन जाएंगे. लेकिन रविदास ने ऐसा नहीं किया. वह तो अपनी शिक्षाओं से लोगों के अंदर प्रकाश की किरण लाना चाहते थे. वह बराबरी में यकीन रखते थे और उनका आचरण सभी के लिए समान था.  

भेदभाव के विरोधी थी रैदास

संत रविदास ने जात-पात और ऊंच-नीच के भाव को समाप्त करने की दिशा में काम किया था. वह सभी को बिना भेदभाव के सद्भाव और भाईचारे के साथ रहने की शिक्षा देते थे. ताकि भेदभाव रहित समाज का निर्माण हो सके.

रविदास की शिष्या थी 'मीराबाई' 

संत रविदास के अनुसार, "जीवन में ईश्वर की भक्ति का अवसर भाग्य से प्राप्त होता है. भक्तिभाव से काम करने वाला व्यक्ति जीवन में सफल रहता है. हर इंसान को अभिमान तथा खुद को बड़ा समझने का भाव त्याग कर सभी से सहज और समान आचरण करना चाहिए." उनकी वाणी का लोगों पर इतना असर था कि समाज के सभी वर्गों के लोग उनके श्रद्धालु बन गए. मीराबाई भी उनकी भक्ति-भावना से बहुत प्रभावित हुईं और उनकी शिष्या बन गईं. 

सियासी गलियारों में चर्चा

दिल्ली में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में आप को करारी हार मिली है और बीजेपी को शानदार जीत हासिल हुई है. ऐसे में एलजी का ये फैसला राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. अगर चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने दिल्ली की 70 में से 48 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि AAP को सिर्फ 22 सीटें मिली हैं. वहीं कांग्रेस को इस बार भी शून्य सीटें मिली हैं.

पिछले चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को आठ सीटें मिली थी वहीं कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. हालांकि अभी बीजेपी ने दिल्ली के सीएम पद के लिए कोई चेहरा फाइनल नहीं किया है. अभी उस पर मंथन जारी है.

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11 February 2025, 09:50 AM IST

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