यूपी के हरदोई में सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़, 19 गिरफ्तार, प्रिंसिपल के घर पर हो रहा था अंग्रेजी का पेपर सॉल्व
उत्तर प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने हरदोई से 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में नकल करने के आरोप में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार, सभी दो अलग-अलग जगहों पर पेपर सॉल्व कर रहे थे. इतना ही नहीं प्रिंसिपल के घर से 14 लोगों को अरेस्ट किया गया है, जो वहां बैठकर पेपर हल कर रहे थे. 20 उत्तर पुस्तिका भी बरामद हुई हैं.

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में नकल करने के आरोप में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट के अनुसार, हरदोई जिले में एसटीएफ द्वारा की गई दो अलग-अलग छापेमारी में कुछ लोग पेपर हल करते हुए पाए गए. शुक्रवार को सुबह की पाली (सुबह 8:30 से 11:45 बजे) में यूपी बोर्ड की 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा हुई.
प्रिंसिपल के आवास से 14 पकड़े गए
सूचना मिलने पर जिला विद्यालय निरीक्षक बालमुकुंद प्रसाद के साथ स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने हरदोई जिले के कटियामऊ गांव में जगन्नाथ सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज पर छापा मारा. उन्होंने 3-4 किलोमीटर दूर प्रिंसिपल के घर पर भी छापा मारा, जहां उन्हें 14 लोग मिले, जिनमें पांच पुरुष और नौ महिलाएं थीं. वे उत्तर लिख रहे थे. स्कूल के प्रिंसिपल के घर पर प्रश्नपत्र हल करते हुए लोग मिले. एसटीएफ ने उनके पास से 20 उत्तर पुस्तिकाएं बरामद कीं.
एसटीएफ द्वारा की गई दूसरी छापेमारी
अधिकारी के अनुसार, दूसरी घटना में जिले के ही दलेल नगर इलाके में हुई, जहां जय सुभाष महाबली इंटर कॉलेज के बाहर दो महिलाएं पेपर हल करती पाई गईं. छापेमारी में केंद्र प्रभारी राम मिलन और परीक्षा प्रभारी मनीष सिंह के साथ एक शिक्षक को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया.
कार्रवाई के लिए लिखा गया पत्र
बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि दोनों गिरोह छात्रों की नकल करके परीक्षा दे रहे थे. उन्होंने बताया कि एसटीएफ ने कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 14 सॉल्वर हैं. उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं को जब्त कर लिया है, जिन्हें सील कर दिया गया है. बालमुकुंद ने बताया कि दोनों विद्यालयों के केंद्र व्यवस्थापकों और स्टेटिक मजिस्ट्रेटों को बदला जाएगा. उन्होंने बताया कि दोनों केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों, बाह्य व्यवस्थापकों और स्टेटिक मजिस्ट्रेटों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.


