सोनिया गांधी ने भी कुर्बान की थी पावर...कर्नाटक कांग्रेस में CM पद को लेकर खींचतान के बीच बोले डीके शिवकुमार
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच राजनीतिक खींचतान बढ़ गई है. बेंगलुरु में डीके ने सोनिया गांधी के त्याग का उदाहरण देते हुए सिद्धारमैया को अप्रत्यक्ष संदेश दिया. मई 2023 में कांग्रेस ने सत्ता संतुलन के लिए सिद्धारमैया को सीएम और डीके को डिप्टी सीएम बनाया था.

बेंगलुरु : कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सियासी तनाव शुक्रवार, 28 नवंबर को और बढ़ गया. यह घटना तब हुई जब बेंगलुरु में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान डीके शिवकुमार ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के त्याग का उदाहरण देते हुए सीएम सिद्धारमैया की ओर अप्रत्यक्ष संदेश दिया.
शिवकुमार का सोनिया गांधी का उदाहरण
उदाहरण के माध्यम से दिया संकेत
राजनीतिक विश्लेषक इस बयान को सिद्धारमैया के लिए एक अप्रत्यक्ष संदेश मान रहे हैं. माना जा रहा है कि डीके शिवकुमार इस उदाहरण के माध्यम से यह संकेत दे रहे हैं कि सिद्धारमैया को भी पार्टी और लोकतांत्रिक हितों को देखते हुए त्याग की नीति अपनानी चाहिए. इसके साथ ही शिवकुमार ने गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन भी किया.
2023 के बाद CM पद को लेकर हुआ था मुकाबला
मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच अंदरूनी मुकाबला शुरू हो गया था. पार्टी आलाकमान ने सत्ता संतुलन बनाए रखने के लिए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया. इसी दौरान यह भी चर्चा हुई कि दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद रोटेशनल मोड में ढाई-ढाई साल के लिए बंट सकता है, हालांकि कांग्रेस ने इसकी पुष्टि कभी नहीं की.
ढाई साल पूरे होने के बाद उठ रहा विवाद
अब जब सिद्धारमैया सरकार के ढाई साल पूरे कर चुकी है, यह विवाद फिर से सतह पर आ गया है. डीके शिवकुमार ने शुक्रवार शाम दिल्ली के लिए यात्रा की योजना बनाई है. राजनीतिक गलियारों में इस कदम को कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बात रखने और भविष्य की रणनीति तय करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
सीएम और डिप्टी सीएम के बीच तनाव
कर्नाटक की राजनीति में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच तनाव, पार्टी के अंदरूनी संतुलन और भविष्य के नेतृत्व को लेकर गहराता जा रहा है. डीके शिवकुमार का सोनिया गांधी का उदाहरण एक रणनीतिक संकेत और राजनीतिक संदेश दोनों ही माना जा रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में शिवकुमार की मुलाकात किस दिशा में इस सियासी खेल को मोड़ेगी.


