एक ही स्कूटी… दो ज़िंदगियां… पर गोली किसे लगी? अररिया में गलत पहचान से शिवानी वर्मा की हत्या ने सबको हिला दिया
अररिया में शिक्षिका शिवानी वर्मा की हत्या ने सनसनी मचा दी है। पुलिस जांच में पता चला—जिस महिला को मारने की सुपारी दी गई थी, वह आई ही नहीं और निर्दोष शिवानी निशाना बन गई।

अररिया के नरपतगंज में 3 दिसंबर की सुबह एक महिला शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरा इलाका दहशत में आ गया। पुलिस को पहले लगा कि यह कोई लूट की वारदात है। लेकिन जल्दी ही सच सामने आने लगा। पुलिस ने सीसीटीवी और मोबाइल लोकेशन की जांच की। उसके बाद कहानी बिल्कुल पलट गई। यह हत्या एक गलत पहचान का मामला निकला।
गलत पहचान की गलती कैसे?
जांच में पता चला कि हत्या की सुपारी एक दूसरी महिला शिक्षक को मारने के लिए दी गई थी। लेकिन वह उस दिन स्कूल आई ही नहीं थी। जो जानकारी शूटरों को दी गई थी, वह उसी शिक्षक की थी। उसके आने का रूट भी वही था। शूटरों ने गेट पर खड़ी 25 साल की शिवानी वर्मा को वही समझ लिया। और बिना कुछ पूछे पीछे से गोली मार दी। शिवानी का इस विवाद से कोई रिश्ता नहीं था।
असली टारगेट आखिर कौन?
जिस महिला को मारने की योजना बनाई गई थी, उसका नाम पुलिस ने गुप्त रखा है। साजिशकर्ता को शक था कि उस महिला का उसके पति से अवैध संबंध है। उसी शिक्षक और शिवानी दोनों एक ही स्कूटी से स्कूल आती-जाती थीं, इसलिए शक और पहचान में मेल दिखाई दिया। शूटरों ने हत्या से एक दिन पहले रेकी भी की थी, लेकिन घटना वाले दिन असली टारगेट अवकाश पर थी और उसी स्कूटी में शिवानी बैठकर स्कूल जा रही थी। शूटर सोहेल ने उसे वही समझकर पीछे से गोली मार दी और दोनों मौके से भाग निकले। यह पूरी वारदात सिर्फ गलत पहचान की वजह से हुई और एक निर्दोष जान चली गई।
वारदात के दिन क्या हुआ?
3 दिसंबर की सुबह शिवानी रोज की तरह स्कूल के लिए निकली थीं। स्कूल के मुख्य गेट के पास दो बदमाश बाइक से आए। उन्होंने शिवानी को रोका। एक बदमाश पीछे से आया और गोली चला दी। गोली गर्दन में लगी। सब कुछ चंद सेकंड में हो गया। लोग दौड़े, उन्हें अस्पताल ले गए। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मौत हो चुकी है। परिवार और गांव में मातम फैल गया।
पुलिस जांच कहां पहुंची?
जिले की पुलिस ने तुरंत SIT बनाई। फारबिसगंज SDPO को इसकी कमान दी गई। टीम ने सीसीटीवी फुटेज स्कैन किए। फोन कॉल्स की जांच की। बाइक और आरोपी की पहचान शुरू हुई। पुलिस ने रामपुर इलाके में छापेमारी की। वहां से तीन आरोपी पकड़े गए। इनमें दो शूटर और एक महिला शामिल थे। पूछताछ में सबने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
किसने रची थी साजिश?
साजिश रचने वाली महिला का नाम हुश्न आरा है। उसे शक था कि उसके पति का किसी महिला से संबंध है। उसने दो आरोपियों से संपर्क किया। उनसे हत्या की सुपारी तय की। तीन लाख रुपये की रकम पर बात हुई। शूटरों को पूरी जानकारी दी गई थी। स्कूटी का नंबर, रास्ता और समय बताया गया। लेकिन जिस दिन वारदात हुई, असली टारगेट घर पर थी और स्कूल नहीं आई थी।
असर क्या और सबक क्या?
एक निर्दोष लड़की बिना गलती मारी गई। सिर्फ इसलिए कि किसी के घर में शक पैदा हुआ। रिश्तों में जहरीली सोच बढ़ी। एक परिवार बिखर गया। शिवानी के माता-पिता बदहवास हैं। गांव में आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि हत्या करना कितना आसान हो गया है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ तो लिया। लेकिन शिवानी की जिंदगी कौन लौटाएगा। गलत पहचान की यह गलती हमेशा सवाल छोड़ जाएगी।


