तेजस्वी यादव ने खुद को घोषित किया महागठबंधन का सीएम फेस, मंच पर थे राहुल गांधी; कांग्रेस ने साधी चुप्पी
आरा रैली में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने खुद को महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार घोषित किया और नीतीश कुमार पर नकलची मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाया. राहुल गांधी और अखिलेश यादव की मौजूदगी में हुई इस घोषणा पर कांग्रेस चुप रही. सीट बंटवारे को लेकर संभावित मतभेद और आरजेडी की बढ़ती दावेदारी से बिहार की राजनीति को नया मोड़ आ गया है.

आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुद को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. यह घोषणा उन्होंने आरा में आयोजित एक विशाल रैली के मंच से की. खास बात यह रही कि इस मौके पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद थे.
नीतीश कुमार पर तेजस्वी का सीधा हमला
तेजस्वी यादव ने रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने नीतीश को नकलची मुख्यमंत्री करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ उनकी नीतियों और घोषणाओं की नकल कर रही है. उन्होंने भीड़ से सवाल किया कि क्या बिहार को असली मुख्यमंत्री चाहिए या डुप्लीकेट मुख्यमंत्री. भीड़ की जोरदार आवाज के बीच तेजस्वी ने खुद को गठबंधन का असली मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया.
राहुल गांधी और अखिलेश यादव की मौजूदगी
तेजस्वी यादव की यह घोषणा ऐसे समय में आई जब राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ रविवार को नाटकीय अंदाज में समाप्त हुई. मंच पर राहुल गांधी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने तेजस्वी की घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. यही नहीं, अखिलेश यादव भी मंच साझा कर रहे थे, जिससे यह संदेश गया कि बिहार में आरजेडी अपनी स्थिति को कांग्रेस से ऊपर साबित करने की कोशिश कर रहा है.
कांग्रेस की चुप्पी
तेजस्वी की घोषणा के बाद भी कांग्रेस की तरफ से कोई औपचारिक समर्थन सामने नहीं आया. सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस की यह हिचकिचाहट सीट बंटवारे की सियासत से जुड़ी है. 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 सीटों पर जीत मिली थी. इस कमजोर प्रदर्शन से महागठबंधन की कुल संख्या प्रभावित हुई थी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार भी बड़ी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि राजद इसके पक्ष में नहीं है.
बिहार में आरजेडी की स्थिति
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके विपरीत कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा था. यही वजह है कि इस बार सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों में मतभेद की संभावना है. तेजस्वी का यह कदम कांग्रेस पर दबाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है ताकि गठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद पर किसी तरह की अस्पष्टता न रहे.
राजनीतिक संदेश
तेजस्वी यादव ने यह ऐलान कर स्पष्ट संकेत दिया है कि बिहार में महागठबंधन की कमान आरजेडी के हाथों में है. कांग्रेस भले ही राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पार्टी हो, लेकिन प्रदेश की राजनीति में आरजेडी अपनी दावेदारी और नेतृत्व की भूमिका स्थापित करना चाहती है. तेजस्वी की यह घोषणा आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन की रणनीति और अंदरूनी समीकरणों को नया मोड़ दे सकती है.


