दिवाली पर कश्मीर में आतंकी हमले की साजिश, सुरक्षाबलों ने IED बरामद कर आतंकी साजिश की नाकाम
Shopian IED Defused News : दिवाली से पहले कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने एक IED बरामद कर आतंकी साजिश नाकाम की. यह विस्फोटक त्योहार पर हमले के लिए लगाया गया था. संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान इसे निष्क्रिय कर दिया गया, जिससे बड़ी तबाही टल गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस कार्रवाई ने एक बार फिर सुरक्षा बलों की सजगता को साबित किया है.

Shopian IED Defused News : दिवाली के शुभ अवसर पर जब देशभर में हर्षोल्लास का माहौल था, उसी समय आतंकी तत्व भारत में एक बड़े हमले की साजिश रच रहे थे. हालांकि, सुरक्षा बलों की सतर्कता और सक्रियता ने इस साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया. जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए एक तलाशी अभियान के दौरान एक बड़ी आतंकी योजना का पर्दाफाश हुआ, जिसने संभावित तबाही को रोक दिया.
शोपियां के हेफ इलाके में मिला IED
संयुक्त अभियान में मिली सफलता
पुलिस और सेना ने इस अभियान को संयुक्त रूप से अंजाम दिया. तलाशी अभियान के बाद कश्मीर पुलिस ने इस घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस IED को लगाने के पीछे कौन-से आतंकी संगठन या स्थानीय सहयोगी शामिल थे. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह विस्फोटक दिवाली के दिन लोगों की भीड़भाड़ वाले स्थानों को निशाना बनाने के उद्देश्य से लगाया गया था.
त्योहारों पर बनी रहती है विशेष निगरानी
कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की साजिशें आमतौर पर त्योहारों के समय रची जाती हैं, जब आम नागरिक उत्सव में व्यस्त होते हैं और आतंकी अपने मंसूबे पूरे करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि दिवाली जैसे बड़े त्योहार पर यदि यह विस्फोटक फटता, तो जान-माल का गंभीर नुकसान हो सकता था. इसी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट पर हैं और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
शांति कायम रखने की कोशिश
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी तत्व सक्रिय हैं और देश की एकता और शांति को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं. लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता, सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने इस बार एक बड़ी त्रासदी को रोक दिया. अब यह देखना होगा कि जांच एजेंसियां इस साजिश के पीछे के असली चेहरों तक कब पहुंच पाती हैं, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं.


