Delhi Blast केस की कमान संभालेंगे विजय सखारे...जानिए कैसा रहा हार्वर्ड से IPS बनने तक का सफर
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है. इस केस के लिए 10 सदस्यीय विशेष टीम बनाई गई है, जिसका नेतृत्व एडीजी विजय सखारे करेंगे. केरल कैडर के 1996 बैच के आईपीएस सखारे को ईमानदार और प्रोफेशनल अधिकारी माना जाता है.

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुए भीषण ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला दिया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इसकी जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया है. एनआईए ने इस केस की तह तक पहुंचने और दोषियों को पकड़ने के लिए एक विशेष 10 सदस्यीय टीम गठित की है, जिसका नेतृत्व एडीजी विजय सखारे करेंगे. यह टीम दिल्ली ब्लास्ट के हर पहलू की गहनता से जांच करेगी.
NIA की जांच टीम में कौन-कौन है शामिल
कौन हैं आईपीएस विजय सखारे?
इस जांच टीम के प्रमुख एडीजी विजय सखारे एक प्रतिष्ठित और ईमानदार पुलिस अधिकारी माने जाते हैं. वे केरल कैडर के 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वर्ष 2022 में उन्हें पांच साल की प्रतिनियुक्ति पर एनआईए में आईजी (Inspector General) नियुक्त किया गया था. इसके बाद सितंबर 2025 में उन्हें दो वर्ष के लिए एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) के पद पर पदोन्नत किया गया. विजय सखारे ने इससे पहले भी केरल पुलिस में कई अहम पदों पर कार्य किया है. वे कोच्चि सिटी पुलिस कमिश्नर, एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) और क्राइम ब्रांच प्रमुख जैसी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं.
शैक्षणिक रिकॉर्ड भी बड़े प्रभावशाली
विजय सखारे का शैक्षणिक रिकॉर्ड भी उतना ही प्रभावशाली है. उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया है. सखारे न केवल एक कुशल अधिकारी हैं बल्कि एक उत्कृष्ट खेल प्रेमी भी हैं. उन्हें टेनिस और क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है, और उनकी पहचान एक फिट और अनुशासित अधिकारी के रूप में होती है.
NIA और IB के बीच बैठके जारी
दिल्ली ब्लास्ट मामले में एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के बीच लगातार बैठकें जारी हैं. एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस हमले के पीछे कौन-से आतंकी संगठन सक्रिय हैं. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जांच टीम जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी नेटवर्क से जुड़ी केस डायरी और अन्य सबूतों को खंगाल रही है. इसके साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली ब्लास्ट की कड़ी फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल और जम्मू-कश्मीर के संदिग्ध डॉक्टरों से जुड़े नेटवर्क से हो सकती है.
सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिकता
एनआईए की यह टीम न केवल हमले के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है बल्कि यह भी जांच कर रही है कि देश में ऐसे हमलों को भविष्य में रोकने के लिए किन सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है. यह जांच भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की समन्वित रणनीति का हिस्सा है, जो आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने की दिशा में काम कर रही है.


