'मैं आपके साथ हूं', विजय ने करूर भगदड़ में मारे गए परिवारों से की वीडियो कॉल पर बात
Vijay Karur Stampede: तमिल सुपरस्टार और राजनेता थलपति विजय ने करूर में अपनी रैली के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से वीडियो कॉल के जरिए बात की है. विजय ने उन्हें सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही व्यक्तिगत रूप से मिलने आएंगे.

Vijay Karur Stampede: तमिल सुपरस्टार और राजनेता थलपति विजय ने करूर में पिछले महीने हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों से व्यक्तिगत रूप से वीडियो कॉल के माध्यम से बात करना शुरू कर दिया है. यह हादसा विजय की पार्टी तमिळग विजय कझगम (TVK) की रैली के दौरान हुआ था, जिसमें 41 लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.
विजय की टीम के सूत्रों के अनुसार, अभिनेता ने अब तक 4 से 5 प्रभावित परिवारों से बातचीत की है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इन कॉल्स के दौरान विजय ने परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई और आश्वासन दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने जल्द जाएंगे, लेकिन फिलहाल कुछ कठिनाइयों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है.
20 मिनट तक चली प्रत्येक कॉल
सूत्रों के अनुसार, विजय की प्रत्येक कॉल करीब 20 मिनट तक चली, जिसमें उन्होंने हर परिवार को सांत्वना दी और उन्हें सहायता का भरोसा दिलाया. विजय ने कहा, "मैं आपके साथ हूं, मैं आपके साथ खड़ा रहूंगा." विजय की टीम ने परिवारों से अनुरोध किया कि वे इस वीडियो कॉल के दौरान कोई रिकॉर्डिंग या तस्वीर न लें. हादसे के एक दिन बाद, विजय ने प्रत्येक मृतक परिवार को ₹20 लाख मुआवजe देने की घोषणा की थी.
हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी
हालांकि, इस घटना के बाद कई TVK पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन विजय का नाम किसी भी एफआईआर में शामिल नहीं है. मद्रास हाई कोर्ट ने इस पहलू पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विजय ने घटना पर कोई पश्चाताप नहीं दिखाया. न्यायमूर्ति एन सेंथिलकुमार ने रैली में हुई लापरवाही को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आसरा गर्ग के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया है.
करूर भगदड़ की वजह क्या थी?
पुलिस और चश्मदीदों के मुताबिक, यह हादसा टालने योग्य त्रासदी थी. प्रशासन ने रैली में 10,000 लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन 30,000 से अधिक लोग पहुंच गए. इसके बावजूद सिर्फ 500 पुलिसकर्मी ही तैनात थे, जिससे भीड़ पर नियंत्रण नहीं हो सका.
विजय के रैली स्थल पर पहुंचने में हुई देरी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. विजय को दोपहर 12 बजे भाषण देना था, लेकिन वे शाम 7 से 7:40 बजे के बीच पहुंचे. इस बीच, हजारों समर्थक सुबह 9 बजे से ही तेज़ धूप में पहुंचने लगे थे.
पानी और भोजन की कमी के कारण कई लोग, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, बेहोश होकर गिरने लगे.
इसी अफरातफरी में भीड़ ने नियंत्रण खो दिया और मौत का मंजर बन गया.


