अगर तुम मुझे मारोगे तो... महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर बोले राज्यपाल C.P. राधाकृष्णन
महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि भाषा के आधार पर हिंसा राज्य को दीर्घकालीन नुकसान पहुंचा सकती है और इससे निवेशक दूर हो सकते हैं. उन्होंने तमिलनाडु में घटी एक घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि किसी पर भाषा थोपना गलत है.

महाराष्ट्र में हाल ही में गैर-मराठी बोलने वालों पर हो रही हिंसक घटनाओं के बीच राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भाषा को लेकर फैल रही नफरत राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा रही है और इससे लंबे समय में निवेशक राज्य से दूरी बना लेंगे.
राज्यपाल ने सुनाया अपना अनुभव
राज्यपाल राधाकृष्णन ने जब वे तमिलनाडु से सांसद थे, उस समय की एक घटना का ज़िक्र किया. उन्होंने बताया,“मैं एक बार हाईवे पर जा रहा था, तभी देखा कि कुछ लोग एक व्यक्ति को पीट रहे थे. मैंने तुरंत गाड़ी रुकवाई और जब मैं वहां पहुंचा, मारने वाले लोग भाग गए. जो लोग पीटे जा रहे थे, वे हिंदी बोल रहे थे और बार-बार 'मार मार' कह रहे थे."
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: On the Marathi language row, Maharashtra Governor CP Radhakrishnan says, "... When I was an MP in Tamil Nadu, one day I saw some people beating someone... When I asked them the problem, they were speaking in Hindi. Then, the hotel owner told me that… pic.twitter.com/mkLtdAO3Bx
— ANI (@ANI) July 22, 2025
होटल मालिक से पूछा पूरा मामला
उन्होंने आगे बताया, “मैंने पास के होटल मालिक से पूछा तो उसने बताया कि मारपीट करने वाले लोग उन्हें सिर्फ तमिल बोलने के लिए मजबूर कर रहे थे, क्योंकि वे तमिल नहीं समझते थे. मैंने उनसे माफी मांगी, उनके खाने का खर्च दिया और तभी वहां से गया जब वे सुरक्षित ट्रक में बैठ गए.”
क्या मैं तुरंत मराठी बोल पाऊंगा?
राज्यपाल ने तर्क दिया कि किसी से किसी अन्य भाषा में तुरंत बोलने की उम्मीद रखना गलत है. "अगर आप आकर मुझसे कहें कि मराठी बोलो, तो क्या मैं तुरंत बोल पाऊंगा? ये नामुमकिन है."उन्होंने कहा कि ऐसी सोच से समाज में डर और नफरत फैलेगी, जिससे कोई भी निवेशक राज्य में उद्योग लगाने नहीं आएगा.
“मैं हिंदी नहीं समझता, एक चुनौती”
राज्यपाल राधाकृष्णन ने यह भी स्वीकार किया कि वह हिंदी नहीं समझते, और यह उनके लिए एक रुकावट है. “हमें अधिक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए, लेकिन अपनी मातृभाषा पर गर्व भी करना चाहिए.हमें उसके सम्मान में कोई समझौता नहीं होना चाहिए.”
“भाषा थोपना गलत”
राज्यपाल के बयान के बाद महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताई. उन्होंने कहा,“मराठी हमारी मातृभाषा है, इस पर गर्व है, लेकिन अगर हम किसी पर मराठी बोलने के लिए जोर डालते हैं या उसे पीटते हैं, तो यह गलत है.” उन्होंने सवाल उठाया, “हम भी दूसरे राज्यों में जाते हैं, क्या होगा अगर वहां हमसे तमिल या बांग्ला बोलने को कहा जाए?”


