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दिल्ली में सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे या सड़कों पर कुत्ते गिनेंगे? केजरीवाल ने BJP पर साधा निशाना

दिल्ली की भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवारा कुत्तों की गिनती और निगरानी की जिम्मेदारी दी है, जिससे आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अरविंद केजरीवाल और पार्टी नेताओं ने इसे शिक्षा के प्रति प्राथमिकताओं की अनदेखी और शिक्षकों का अपमान बताया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : दिल्ली की भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आदेश दिया है कि वे स्कूल परिसर और आस-पास के क्षेत्र में आवारा कुत्तों की गिनती और निगरानी करें. इस आदेश के बाद से ही आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. पार्टी के नेता इसे शिक्षा प्रणाली और शिक्षकों की प्राथमिकताओं के खिलाफ मान रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल ने जताई नाराजगी

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे या फिर सड़कों पर आवारा कुत्ते गिनेंगे. उनका कहना है कि भाजपा सरकार का यह आदेश शिक्षा के प्रति उनकी सोच और प्राथमिकताओं को उजागर करता है. केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनके शासन में शिक्षकों को सम्मान मिला और उन्हें गैरजरूरी जिम्मेदारियों से मुक्त रखा गया.

शिक्षकों के लिए अतिरिक्त बोझ
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने इस आदेश की कॉपी साझा कर भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह शिक्षकों को अपमानित कर रही है. आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि शिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि आवारा कुत्तों की नसबंदी हो और वे स्कूल परिसर के अंदर न आएं. भारद्वाज ने कहा कि पहले आम आदमी पार्टी के समय स्कूलों में मैनेजर नियुक्त होते थे जो गैरजरूरी कामों की देखभाल करते थे, जिससे शिक्षक केवल बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे सकते थे.

शिक्षा पर भाजपा की प्राथमिकता पर सवाल
इस आदेश के माध्यम से भाजपा सरकार की शिक्षा नीति और प्राथमिकताओं पर सवाल उठ रहे हैं. आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह आदेश शिक्षकों का अपमान है और शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाला कदम है. इसके अलावा, इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है, क्योंकि शिक्षक अब गैर-शैक्षिक जिम्मेदारियों में व्यस्त होंगे.

आम आदमी पार्टी का यह विरोध यह दर्शाता है कि वह शिक्षा और शिक्षकों के सम्मान के मुद्दे पर सजग है. उनका मानना है कि शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और शिक्षकों को केवल बच्चों की पढ़ाई और विकास पर ध्यान देना चाहिए, न कि अतिरिक्त असंबंधित जिम्मेदारियों के लिए बाध्य किया जाना चाहिए.

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