कुछ ही दिनों में ट्रंप ने बदला सुर, इंटेल CEO की सफलता को सराहा
पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने इंटेल के सीईओ लिप-बू टैन के इस्तीफे की सार्वजनिक मांग की थी. लेकिन सोमवार को व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के बाद उन्होंने टैन के करियर को 'अद्भुत कहानी' बताते हुए नरम रुख अपनाया.

Donald Trump: अमेरिका और चीन के बीच सेमीकंडक्टर सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, इंटेल के सीईओ लिप-बू टैन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का रुख अचानक बदल गया है. पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने उनके इस्तीफे की सार्वजनिक मांग की थी, जिससे इंटेल के शेयरों में गिरावट आई थी. लेकिन सोमवार को व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के बाद उन्होंने टैन के करियर को 'अद्भुत कहानी' बताते हुए नरम रुख अपनाया. मंगलवार सुबह शेयर बाजार खुलने से पहले ही इंटेल के शेयरों में 3% से ज्यादा की बढ़त दर्ज हुई.
कब शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन ने इंटेल के चेयरमैन फ्रैंक यिरी को एक पत्र लिखकर टैन के चीनी सेमीकंडक्टर कंपनियों में निवेश और उनके चीनी कम्युनिस्ट पार्टी व पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से कथित संबंधों पर सवाल उठाए. कॉटन ने पूछा कि क्या टैन ने हितों के टकराव से बचने के लिए अपने निवेश से बाहर निकलने के कदम उठाए हैं.
ट्रंप ने पिछले गुरुवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए टैन को बहुत उलझन में बताया था और कहा था कि उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि इस समस्या का और कोई समाधान नहीं है.
मार्च 2025 में सीईओ बने लिप-बू टैन ने कर्मचारियों को भेजे एक आंतरिक संदेश में इन आरोपों को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा कानूनी और नैतिक मानकों के तहत ही काम किया है. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या उन्होंने संबंधित निवेश से खुद को अलग किया है या नहीं.
व्हाइट हाउस में बैठक
सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप, टैन, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के बीच बैठक हुई. इसके बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर नया बयान जारी किया, जिसमें टैन की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि उनका मंत्रिमंडल अगले हफ्ते टैन के साथ समय बिताकर सुझाव देगा. ट्रंप ने इस मुलाकात को बहुत दिलचस्प बताया और कहा कि टैन की उपलब्धियां वास्तव में प्रेरणादायक हैं.
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि मामला सिर्फ एक कॉर्पोरेट विवाद नहीं, बल्कि अमेरिका-चीन के बीच तकनीकी और आर्थिक प्रभुत्व की जंग का हिस्सा है. कंप्यूटर चिप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उन्नत तकनीकों के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने अमेरिकी राजनीतिक हलकों में सुरक्षा और रणनीतिक हितों को लेकर संवेदनशीलता बढ़ा दी है.


