कौन है वह छोटा उस्ताद?, जिसने बनाया चीन का नया AI चैटबॉट DeepSeek, हिल गया दिग्गज टेक कंपनियों का साम्राज्य
चीन के एआई बॉट डीपसीक की लॉन्चिंग ने अमेरिकी टेक कंपनियों में खलबली मचा दी है. दरअसल इसकी वजह से अमेरिका की एक कंपनी जिसका नाम- NIVIDIA है, उसके एक दिन में 600 बिलियन यानी करीब 50 लाख करोड़ डूब गए. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटनाक्रम के बाद अमेरिकी कंपनियों से सावधान रहने को कहा है.

जब बात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की होती है, तो दुनिया की नजरें अमेरिका और यूरोप पर होती हैं. लेकिन इस बार चीन ने एक ऐसा दांव चला है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है. चीन का अपना AI चैटबॉट DeepSeek मार्केट में आते ही तहलका मचा रहा है. इसने न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दुनिया में हलचल मचाई, बल्कि NVIDIA जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनी के शेयरों को भी धूल चटा दी.
यहां से शुरू हुई कहानी
बात 2021 की है. अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन चीन को अमेरिकी चिप एक्सपोर्ट पर नकेल कसने की तैयारी कर रहे थे. उधर चीन में बेतरतीब से बालों वाला एक चीनी लड़का अमेरिका की स्टार टेक कंपनी Nvidia के हजारों ग्राफिक्स प्रोसेसरों को ताबड़तोड़ खरीद रहा था. कोई उसे ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा था. चीनियों को भी लगता था कि अमेरिकी प्रोसेसरों की खरीदने को उसकी आदत सनक भर है. लेकिन वह AI की दुनिया में एक खामोश क्रांति की तैयारी में जुटा था. वह एक ऐसा AI मॉडल तैयार कर रहा था, जो दुनिया में तहलका मचा दे. दिग्गज कंपनियों के इन प्रोसेसरों के जरिए वह अपने AI मॉडल को ट्रेनिंग दे रहा था. इसके लिए उसने करीब 10 हजार चिप क्लस्टर तैयार किए थे और चार साल बाद 27 जनवरी 2025 को उसने वह कर दिया, जिसकी कल्पना खुद को AI का सरताज मानने वाली अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियों ने नहीं की थी. उसने ChatGPT की काट का ऐसा AI चैटबॉट मॉडल DeepSeek-R1 लॉन्च किया, जिससे Nvidia के तो होश उड़ गए. 6 मिलियन डॉलर की कंपनी ने नेस्डेक में उसके 600 अरब डॉलर मिनटों में स्वाहा कर दिए. इस लड़के का नाम है लियांग वेनफेंग (Liang Wenfeng). जानिए उसकी पूरी कहानी.
कौन हैं लियांग वेनफेंग?
चीन के AI डेवलपर डीपसीक को 40 साल के लियांग वेनफेंग नाम के चीनी शख्स ने बनाया है. बता दें कि लियांग डीपसीक के फाउंडर और सीईओ हैं. उनके इस इनोवेशन ने OpenAI के चैटजीपीटी को पछाड़ कर रख दिया है. उनका जन्म चीन के झानजियांग में हुआ था. उनके पिता चीन के ही एक प्राइमरी स्कूल में टीचर थे. हालांकि लियांग की शुरुआती शिक्षा बहुत ही साधारण रही. लियांग बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे. सीखने के मामले में बहुत ही जुनूनी भी थे. स्कूल के शुरुआती दिनों से ही उनको नई-नई चीजें सीखने का बहुत शौक था. उनको जो भी परेशानी नजर आती थी उसका हल ढूढने में वह जुट जाते थे. उनकी काबिलियत ने उन्हें प्रतिष्ठित संस्थानों तक पहुंचा दिया. यहीं से उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में गहरी पकड़ बनाई और इसे अपनी सबसे बड़ी ताकत बना लिया.
लियांग वेनफेंग की शिक्षा के बारे में जानिए
- साल 2007 में चीन की झेजियांग यूनिवर्सिटी से IT इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन किया
- साल 2010 में इन्फोर्मेशन और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएशन किया
- लियांग ने रिसर्च मैनेजमेंट के दौरान टार्गेट ट्रैकिंग एल्गोरिदम की खोज की. इसमें उन्होंने कम खर्च वाले PTZ कैमरों का इस्तेमाल किया.
AI की दुनिया में लियांग का सफर
लियांग ने अपने करियर की शुरुआत से ही AI को अपने बिजनेस का सेंटर बनाया. उन्होंने 2013 में हांग्जो याकेबी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और 2015 में झेजियांग जियुझांग एसेट मैनेजमेंट की स्थापना की. इसके बाद 2019 में उन्होंने हाई-फ्लायर AI लॉन्च किया, जो 10 अरब युआन से ज्यादा की संपत्ति को मैनेज करने वाला वेंचर था. लेकिन असली धमाका 2023 में हुआ, जब उन्होंने DeepSeek की नींव रखी। यह AI की सबसे जटिल तकनीक, यानी AGI (Artificial General Intelligence) को डेवेलप करने पर फोकस्ड है.
DeepSeek का क्या है असर?
DeepSeek का पहला वर्जन DeepSeek-R1 पहले ही लॉन्च हो चुका है और इसे काफी पसंद किया जा रहा है. इसका प्रदर्शन दिखाता है कि कैसे चीन अपनी इनोवेटिव सोच और कम लागत वाले मॉडल्स के साथ AI की दुनिया में नई क्रांति ला सकता है. तो क्या DeepSeek आने वाले समय में ChatGPT को चुनौती दे सकता है? यह कहना मुश्किल है, लेकिन एक बात तय है अब AI की दुनिया में मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है.
Nvidia को दिया सबसे बड़ा झटका
सबसे बड़ा नुकसान एनवीडिया को उठाना पड़ा है. इससे एनवीडिया के शेयरों में 17 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई, इस वजह से कंपनी के मार्केट कैप में करीब 590 बिलियन डॉलर कम हो गए. बता दें कि एनवीडिया AI पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है.


