'अपनी सीट पर भी चैन से नहीं बैठ सकती...' महिला ने ट्रेन के हालात दिखाते हुए शेयर किया स्लीपर कोच का अनुभव
Indian Railways Sleeper Coach: इंडियन रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा फिर सवालों के घेरे में है. नेहा नामक महिला यात्री ने इंस्टाग्राम पर अपना अनुभव शेयर किया. बुक सीट के बावजूद, उन्हें भीड़ और असुविधा का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि कैसे बिना टिकट लिए हुए लोग उनकी रिजर्व सीट पर टूट पड़े.

Indian Railways Sleeper Coach: इंडियन रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. एक महिला यात्री ने इंस्टाग्राम पर अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने सीट बुक की थी, फिर भी उन्हें भीड़ और काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह पुरुष यात्री उनकी बर्थ के किनारों पर बैठे हुए हैं और बाकी का भी पूरा जगह भरा पड़ा है. महिला ने अपना नाम ‘नेहा’ बताया है और अपने वीडियो में उन्होंने नॉर्थ इंडिया की ट्रेनों में सफर के दौरान झेली गई परेशानियों को बताया है. नेहा ने यह भी साफ किया कि उनका उद्देश्य किसी जगह को नीचा दिखाना नहीं है, बल्कि यह उनका व्यक्तिगत अनुभव है.
नेहा ने अपने वीडियो में क्या कहा?
नेहा ने अपने वीडियो में कहा कि 'I am frustrated, literally. It is people all over the train. See, this is the condition right now.' वीडियो में देखा जा सकता है कि बर्थ के आसपास पुरुष बैठे हुए हैं और ट्रेन लोगों से ठसाठस भरा है. नेहा ने आगे लिखा कि See second video on my profile! Got my seat! Be ready to face anything while travelling to North. I can adjust this to some level, what else can I do? Nothing is going to change. At least I can put it out!'
रात 4 बजे एक अजनबी बगल में सोने आ गया
नेहा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि जब वह रात 4 बजे सो रही थीं, तो एक अजनबी व्यक्ति चुपचाप उनकी बर्थ पर सोने आ गया. I shouted at him. I felt very uncomfortable, उन्होंने बताया. उन्होंने हेल्प के लिए (139) पर कॉल किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिली. मैं शिकायत नहीं कर रही, बस सच्चाई दिखा रही हूं
तो वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने नेहा के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
रेलवे की प्रतिक्रिया
नेहा की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर रेलवे से जवाब मांगने की मांग उठ रही है, लेकिन खबर लिखे जाने तक भारतीय रेलवे की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.


