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तीन जाति, तीन सर्टिफिकेट… गर्लफ्रेंड का खेल बॉयफ्रेंड ने किया फेल!

उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक युवती ने खटिक, यादव और जाटव—तीन जातियों के फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी योजनाओं और VDO भर्ती में फायदा उठाने की कोशिश की. लेकिन उसके प्रेमी ने सच्चाई उजागर कर सोशल मीडिया पर उसका भंडाफोड़ कर दिया. अब मामले की जांच पुलिस कर रही है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है. यहां एक युवती ने VDO (ग्राम विकास अधिकारी) की नौकरी पाने के लिए तीन अलग-अलग जातियों के फर्जी प्रमाणपत्र बनवा लिए थे. उसकी यह साजिश तब उजागर हुई जब उसके प्रेमी ने उसका साथ छोड़ने के बाद पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और सोशल मीडिया पर इसका भंडाफोड़ कर दिया.

मामला बदायूं के उसहैत तहसील के नरपत नगला गांव का है. यहां रहने वाली युवती प्रीति ने VDO भर्ती में आवेदन किया था, लेकिन जब उसके एक्स बॉयफ्रेंड प्रमोद कुमार को उसके झूठ का पता चला तो उसने विरोध किया. प्रमोद के अनुसार, प्रीति असल में खटिक जाति से ताल्लुक रखती है, लेकिन उसने यादव, जाटव और खटिक—तीनों जातियों के अलग-अलग प्रमाणपत्र बनवा रखे थे. इन सर्टिफिकेट्स के सहारे वह सरकारी योजनाओं और नौकरियों का लाभ उठाने की कोशिश में थी.

प्रेम जाल और फरेब

प्रमोद कुमार का आरोप है कि प्रीति ने उसे जाति बदलकर प्रेम जाल में फंसाया था. जब सच्चाई सामने आई और उसने साथ देने से इनकार किया, तो प्रीति ने उसे छोड़ दिया और गांव के ही अनिल नामक युवक के साथ रहने लगी. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि युवती ने प्रमोद के कुछ परिजनों पर झूठे बलात्कार के मुकदमे भी दर्ज करवा दिए, जिनमें कुछ मामलों की जांच में पुलिस ने झूठी रिपोर्ट लगाई है, लेकिन कुछ अब भी कोर्ट में लंबित हैं.

मारपीट और लूट का भी आरोप

घटना यहीं नहीं रुकी. प्रमोद का आरोप है कि जब उसने प्रीति के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की, तो युवती अपने पिता, भाई और नए प्रेमी के साथ उसके घर में घुस आई. वहां उन्होंने गालियां दीं, मारपीट की और घर की संदूक का ताला तोड़कर 20 हजार रुपये नकद और कुछ जेवरात भी उठा लिए.

बड़ा सवाल: कैसे मिले तीन जातियों के प्रमाणपत्र?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर एक ही व्यक्ति को तीन अलग-अलग जातियों के प्रमाणपत्र कैसे मिल गए? क्या तहसील स्तर पर बिना किसी ठोस जांच के दस्तावेज जारी कर दिए जाते हैं? यह मामला न सिर्फ सिस्टम की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि व्यक्तिगत लाभ के लिए कैसे सरकारी योजनाओं और नौकरियों में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है, लेकिन अब यह देखना होगा कि फर्जी सर्टिफिकेट बनाने और उसका इस्तेमाल करने वालों पर कब तक कार्रवाई होती है.

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22 June 2025, 12:47 PM IST

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