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'कुंभ में स्नान करने का मौका—डिजिटल तरीके से! इस शख्स ने निकाला जादुई तरीका!'

महाकुंभ मेला 2025 में लाखों भक्त त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहे हैं, लेकिन जो लोग वहां नहीं जा पा रहे, उनके लिए एक शख्स ने निकाला है एक अनोखा "डिजिटल स्नान" तरीका. इस शख्स ने दावा किया है कि वह आपके फोटो को संगम के जल में विसर्जित करके आपकी आत्मा को शुद्ध कर सकता है. जानिए इस सेवा के बारे में और क्या है इसके पीछे का ताजगी से भरा जुगाड़.

Aprajita
Edited By: Aprajita

Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला 2025 में लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन अगर आप इस पवित्र अवसर पर शामिल नहीं हो पा रहे हैं, तो चिंता की बात नहीं! एक शख्स ने डिजिटल स्नान का एक बिल्कुल नया तरीका निकाला है, जिससे दूर-दराज के भक्त भी इस पवित्र जल का लाभ ले सकते हैं.

"डिजिटल फोटो स्नान"—सस्ता और सरल उपाय!

हमारे सामने एक अनोखा तरीका आया है, जिसे "डिजिटल स्नान" नाम दिया गया है. यह एक ऑनलाइन सेवा है, जहां लोग अपनी तस्वीरें व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं, और ये शख्स उनकी तस्वीरों को पवित्र संगम के जल में विसर्जित करता है. इसके लिए वह सिर्फ 1,100 रुपये का शुल्क लेता है. इस अनोखे विचार को दीपक गोयल नामक शख्स ने शुरू किया है, जो प्रयागराज का निवासी है और अपने "स्टार्टअप" के तहत यह सेवा दे रहा है.

कैसे काम करता है डिजिटल स्नान?

दीपक गोयल ने अपने वीडियो में बताया कि लोग अपनी तस्वीरें व्हाट्सएप के जरिए भेज सकते हैं. इसके बाद, वह उन तस्वीरों के प्रिंटआउट्स को लेकर उन्हें संगम के जल में डुबो देते हैं. दावा किया जा रहा है कि इस प्रक्रिया से भक्तों की आत्मा को शुद्ध किया जा सकता है, जैसे वे व्यक्तिगत रूप से पवित्र स्नान कर रहे हों.

सोशल मीडिया पर धमाल!

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. एक इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किए गए वीडियो में दीपक गोयल अपनी इस सेवा को प्रमोट कर रहे हैं, और अब तक लाखों लोगों ने इसे देखा है. वीडियो में यह भी बताया गया है कि कैसे लोग कुंभ से इस तरीके से अच्छी कमाई कर रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स भी इसे लेकर अलग-अलग रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, "वाह, क्या दिमाग लगाया है!" तो वहीं कुछ यूजर्स ने इसे मूर्ख बनाने वाला कदम भी बताया.

महाकुंभ मेला: श्रद्धा का महासंगम

महाकुंभ मेला 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हुआ था और 26 फरवरी को इसका समापन होगा. यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है, जहां लाखों श्रद्धालु तीन पवित्र नदियों—गंगा, यमुना, और सरस्वती—के संगम में स्नान करने के लिए आते हैं. इस आयोजन में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, और यह उन लोगों के लिए भी एक धार्मिक अनुभव है जो व्यक्तिगत रूप से वहां नहीं जा सकते.

आखिरकार, डिजिटल स्नान का क्या असर होगा?

किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन से जुड़ी सेवाओं में यह नया तरीका एक मजेदार और दिलचस्प जुगाड़ हो सकता है. हालांकि कुछ लोग इसे सिर्फ एक व्यापारिक चाल मानते हैं, लेकिन इस सेवा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि तकनीकी दुनिया के साथ धार्मिक भावना भी नए रूप में पनप सकती है. इस तरीके से लोग घर बैठे ही महाकुंभ के अनुभव का हिस्सा बन सकते हैं. हालांकि, यह कितनी प्रभावी या सही है, यह तो वक्त ही बताएगा!

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23 February 2025, 07:59 PM IST

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