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एक या दो नहीं 88 करोड़ में निलाम हो रहा दुनिया का सबसे महंगा टॉयलेट सीट...वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

दुनियाभर में इस समय एक अनोखी कलाकृति चर्चा का विषय बनी हुई है 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी टॉयलेट सीट, जिसकी कीमत लगभग 88 करोड़ रुपये (10 मिलियन डॉलर) आंकी गई है. इसे इटली के मशहूर कलाकार मौरिजियो कैटेलन ने तैयार किया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : दुनियाभर में इस समय एक अनोखी कलाकृति चर्चा का विषय बनी हुई है 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी टॉयलेट सीट, जिसकी कीमत लगभग 88 करोड़ रुपये (10 मिलियन डॉलर) आंकी गई है. इसे इटली के मशहूर कलाकार मौरिजियो कैटेलन ने तैयार किया है. यह कलाकृति न केवल अपने महंगेपन के कारण, बल्कि इसके सामाजिक संदेश की वजह से भी सुर्खियों में है. 18 नवंबर को न्यूयॉर्क की सोटबी नीलामी में इसे पेश किया जाएगा, जहां इसके और ऊंचे दाम लगने की उम्मीद है.

अत्यंत सटीक ढंग से तैयार किया गया है

आपको बता दें कि यह सोने की टॉयलेट सीट अपनी चमकदार बनावट और बारीक कारीगरी के कारण “सोने के सिंहासन” जैसी दिखती है. इसका वजन लगभग 223 पाउंड है और इसे अत्यंत सटीक ढंग से तैयार किया गया है. सोटबी की ओर से कहा गया है कि यह कला का एक दुर्लभ नमूना है जो विलासिता, व्यंग्य और सामाजिक सोच का संगम प्रस्तुत करता है. 8 नवंबर से इसे सोटबी के नए मुख्यालय ब्रेउर बिल्डिंग में प्रदर्शित किया जाएगा, जहाँ दर्शक इसे नजदीक से देख सकेंगे, लेकिन उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी.

“सबसे अनमोल वस्तु, सबसे सामान्य स्थान पर”
कलाकार मौरिज़ियो कैटेलन ने इस टॉयलेट को एक सामाजिक टिप्पणी (social commentary) के रूप में बनाया है. उन्होंने इस कलाकृति का नाम “अमरिका” (America) रखा, ताकि यह पूंजीवाद और उपभोगवाद पर एक व्यंग्य बन सके. कैटेलन का कहना था कि वे एक अनमोल चीज को सबसे सामान्य और आवश्यक स्थान पर रखकर यह दिखाना चाहते थे कि धन और विलासिता का असली मूल्य क्या है. यह कलाकृति दरअसल आधुनिक समाज की असमानताओं और दिखावे की प्रवृत्ति पर एक कलात्मक टिप्पणी है.

गगनहाइम म्यूजियम से मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
यह सोने की टॉयलेट पहली बार 2016 में न्यूयॉर्क के गगनहाइम म्यूजियम में प्रदर्शित की गई थी. उस समय लोगों को इसे वास्तव में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी, जिससे यह कला जगत में चर्चा का केंद्र बन गई. करीब एक लाख लोगों ने इसे देखने और उपयोग करने के लिए पंक्तियाँ लगाई थीं. कई कला समीक्षकों ने इसकी तुलना दादा आंदोलन के कलाकार मार्सेल डुशांप की 1917 की प्रसिद्ध रचना “फाउंटेन” से की थी, जिसे आधुनिक कला की दिशा बदलने वाली रचना माना जाता है.

पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं कैटेलन
मौरिज़ियो कैटेलन अपनी अनोखी और व्यंग्यात्मक कला शैली के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले वे अपनी प्रसिद्ध कलाकृति “केला आर्ट” (Banana Art) के लिए भी विश्वभर में चर्चा में रहे थे, जिसमें उन्होंने एक केला टेप से दीवार पर चिपकाया था. यह कलाकृति 6 मिलियन डॉलर में बिकी थी और उस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. कैटेलन की कला अक्सर समाज के मूल्यों, उपभोक्तावाद और आधुनिक विलासिता पर सवाल उठाती है.

कला की नई दिशा की प्रतीक “अमरिका”
यह सोने की टॉयलेट केवल एक सजावटी वस्तु नहीं, बल्कि एक कला आंदोलन का प्रतीक बन चुकी है. यह दिखाती है कि कला केवल चित्रों या मूर्तियों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और मनोविज्ञान की गहराइयों को भी छू सकती है. “अमरिका” नामक यह कलाकृति दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब साधारण चीज़ों को विलासिता के प्रतीक में बदल दिया जाए, तो उसका अर्थ और महत्व कैसे बदल जाता है. 

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03 November 2025, 04:55 PM IST

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