सुप्रीम कोर्ट में वायु गुणवत्ता को लेकर हुई सुनवाई, चीफ जस्टिस ने क्या बोला?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. दिल्ली में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान देश की शीर्ष अदालत में बताया गया कि शहर में कई वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र काम नहीं कर रहे हैं.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. दिल्ली में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान देश की शीर्ष अदालत में बताया गया कि शहर में कई वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र काम नहीं कर रहे हैं.
कोर्ट में अधिवक्ता ने उठाया सवाल
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एक अधिवक्ता ने सवाल उठाया कि जब प्रदूषण के महत्वपूर्ण आंकड़े ही गायब हैं, तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जा सकता है. SC में सुनवाई के दौरान उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए पूर्व-निवारक उपाय करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया.
'37 में से केवल 9 निगरानी केंद्र ही चालू थे'
अधिवक्ता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि स्थिति गंभीर होने से पहले ही कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में कई वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र कथित तौर पर काम नहीं कर रहे हैं. अगर ये केंद्र काम नहीं करेंगे, तो हमें समझ नहीं आएगा कि GRAP कब लागू करना है। अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि दीवाली के दौरान 37 में से केवल 9 निगरानी केंद्र ही चालू थे.
चीफ जस्टिस ने दिए निर्देश
वहीं, चीफ जस्टिस B.R. गवई ने अधिवक्ता के सवाल का जवाब दिया. चीफ जस्टिस ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को वायु गुणवत्ता को और अधिक खराब होने से रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है.
वायु गुणवत्ता बहुत खतरनाक स्तर पर
आपको बता दें कि सोमवार, 3 नवंबर को देश की राजधानी दिल्ली में काफी धुंध देखने को मिली. इस दौरान राजधानी की वायु गुणवत्ता बहुत खतरनाक स्तर पर रही. CPCB के ऐप के मुताबिक, 28 निगरानी केंद्रों पर 300 से अधिक Air Quality Index दर्ज हुआ है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है. वहीं, दिल्ली में वायु गुणवत्ता को लेकर राजनीति भी तेज़ हो गई है. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कृत्रिम बारिश का प्रयोग करने को लेकर दिल्ली की रेखा सरकार पर कटाक्ष भी किया था.


