टैरिफ तनाव के बीच भारत ने अमेरिका के साथ किया बड़ा सौदा, 7,995 करोड़ की नेवी डील पर हुआ समझौता
भारत और अमेरिका ने MH-60R हेलीकॉप्टरों के लिए 7,995 करोड़ रुपये का रखरखाव समझौता किया, जिससे नौसेना की क्षमता बढ़ेगी. व्यापारिक तनाव और टैरिफ विवाद के बीच यह सौदा रणनीतिक साझेदारी की मजबूती और संभावित व्यापार समझौते के संकेत देता है.

नई दिल्लीः अगस्त 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा था, लेकिन इसके बावजूद भारत-अमेरिका संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. इसी क्रम में दोनों देशों ने भारतीय नौसेना के MH-60R 'सीहॉक' हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के लिए 7,995 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया है. यह सौदा न केवल नौसेना की क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी और अधिक सुदृढ़ करेगा.
MH-60R हेलीकॉप्टरों को मिलेगा पांच साल का रखरखाव पैकेज
यह समझौता फॉलो-ऑन सपोर्ट और फॉलो-ऑन सप्लाई सपोर्ट व्यवस्था के तहत पांच वर्षों के लिए किया गया है. भारत ने 2020 में 24 MH-60R हेलीकॉप्टर अमेरिकी सरकार से FMS (Foreign Military Sales) के माध्यम से लगभग 2.4 अरब डॉलर में खरीदे थे. इनमे से 15 हेलीकॉप्टर पहले ही नौसेना में शामिल हो चुके हैं.
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ये मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर एडवांस एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, निगरानी और समुद्री सुरक्षा अभियानों में बेहद प्रभावी माने जाते हैं.
कुछ दिनों में तीसरा बड़ा रक्षा सौदा
अमेरिकी डिफेन्स सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने हाल ही में भारत को दो अहम सैन्य पैकेज बेचने की मंजूरी दी थी.
- एक्सकैलिबर प्रिसिजन गाइडेड प्रोजेक्टाइल (47.1 मिलियन डॉलर)
- जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम (45.7 मिलियन डॉलर)
- MH-60R का नया सपोर्ट पैकेज इन्हीं बढ़ते रक्षा सहयोगों की कड़ी है.
आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस समझौते में शामिल है-
- स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति
- उत्पाद समर्थन और प्रशिक्षण
- तकनीकी सहयोग
- रिपेयर और कंपोनेंट रीप्लेनिशमेंट
- भारत में रिपेयर और मेंटेनेंस सुविधा का विकास
सरकार का कहना है कि इन सुविधाओं के विकसित होने से भारत की स्वदेशी क्षमताएं बढ़ेंगी और अमेरिका पर निर्भरता कम होगी. इससे रक्षा क्षेत्र में MSMEs के लिए नए अवसर भी खुलेंगे.
भारतीय नौसेना की क्षमता में बड़ा सुधार
MH-60R हर मौसम में उड़ान भरने में सक्षम हैं. ये दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने, सतह पर तैनात जहाजों को निशाना बनाने और समुद्री सुरक्षा संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. नया मेंटेनेंस पैकेज इन हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता को और मजबूत करेगा, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक शक्ति बढ़ेगी.
व्यापारिक तनाव के बीच सकारात्मक संकेत
यह रक्षा समझौता उस समय हुआ है जब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया हुआ है. हालांकि भारत ने इसे अनुचित बताया था, लेकिन अब संकेत हैं कि दोनों देश व्यापार समझौते के करीब पहुंच रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत अमेरिकी ऊर्जा आयात बढ़ा सकता है. अमेरिका भारतीय कृषि उत्पादों पर छूट देगा. टैरिफ 15-20% तक घट सकते हैं.


