अनिल अंबानी की बढ़ती मुश्किलें, ईडी ने कसा शिकंजा...मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फिर भेजा नोटिस
अनिल अंबानी पर ईडी का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. RHFL और RCFL से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी अब तक 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ कुर्क कर चुकी है. अगस्त में पूछताछ के बाद उन्हें 14 नवंबर को फिर तलब किया गया है. देशभर में उनकी 40 से अधिक संपत्तियों पर कार्रवाई हुई है.

नई दिल्लीः अनिल अंबानी और उनके नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले कुछ हफ्तों से प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनकी कंपनियों पर लगातार शिकंजा कस रहा है. अब ईडी ने अनिल अंबानी को 14 नवंबर को पूछताछ के लिए दोबारा तलब किया है. यह दूसरी बार है जब उन्हें इस जांच के सिलसिले में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
ईडी का बड़ा एक्शन जारी
31 अक्टूबर 2025 को ईडी ने PMLA की धारा 5(1) के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया.
यह कुर्की उस मामले से जुड़ी है जिसमें आरोप है कि RHFL और RCFL द्वारा जुटाई गई जनता की रकम को कथित रूप से गलत तरीके से डायवर्ट किया गया और संबंधित संस्थाओं के माध्यम से उसे लॉन्डर किया गया.
कुर्क की गई संपत्तियों में अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल, बांद्रा वेस्ट स्थित आलीशान आवास भी शामिल है. इसके अलावा कई व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियाँ भी कार्रवाई के दायरे में आई हैं.
अगस्त में भी हुई थी ईडी पूछताछ
यह पहला मौका नहीं है जब अनिल अंबानी को ईडी ने तलब किया है. इससे पहले 5 अगस्त 2025 को भी उन्हें लोन फ्रॉड केस से जुड़े मामलों में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इसके समानांतर ईडी ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कई कंपनियों के दफ्तरों और परिसरों पर तलाशी अभियान भी चलाए. इस पूरे मामले ने अनिल अंबानी की कानूनी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है, क्योंकि ईडी इसे एक बड़े वित्तीय घोटाले के रूप में देख रहा है.
देशभर की संपत्तियों पर चली ईडी की कार्रवाई
ईडी द्वारा कुर्क की गई 40 से अधिक संपत्तियां देश के कई बड़े शहरों में फैली हुई हैं, जिनमें शामिल हैं—
- मुंबई: पाली हिल स्थित आवास, कार्यालय परिसर
- दिल्ली: रिलायंस सेंटर भवन
- एनसीआर: नोएडा, गाजियाबाद
- दक्षिण भारत: हैदराबाद, चेन्नई (कांचीपुरम सहित)
- अन्य प्रमुख शहर: पुणे, ठाणे, पूर्वी गोदावरी
इनमें आवासीय संपत्तियों से लेकर विशाल व्यावसायिक परिसर तक शामिल हैं, जो जांच के दायरे को और व्यापक बनाते हैं.
क्या है पूरा मामला?
ईडी की जांच का केंद्र RHFL और RCFL द्वारा जुटाई गई जनता की राशि का संदिग्ध उपयोग है. जांच एजेंसी का आरोप है कि इन दोनों कंपनियों के फंड को ऐसे चैनलों के माध्यम से डायवर्ट किया गया जो सीधे या परोक्ष रूप से अनिल अंबानी समूह से जुड़े थे.
इन आरोपों को गंभीर माना जा रहा है और इसी वजह से ईडी लगातार पूछताछ और कुर्की की कार्रवाई बढ़ा रही है. अनिल अंबानी की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं. 14 नवंबर को ईडी में उनकी पेशी इस मामले को और निर्णायक मोड़ दे सकती है.


