क्या है 'पाप का टैक्स', जिसे बढ़ा सकती हैं वित्त मंत्री? कुछ होंगे खुश, तो कुछ को लगेगा झटका
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट 2025 की घोषणा करेंगी. इस महत्वपूर्ण घोषणा से पहले, जनता में उम्मीदों का माहौल बनता जा रहा है. सरकार आपकी आय पर टैक्स लगाती है, जिससे बजट की दिशा और प्राथमिकताएँ निर्धारित होती हैं.

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट 2025 पेश करेंगी. बजट से पहले आम जनता को इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद है, लेकिन एक खास टैक्स में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है, जिसे 'सिन टैक्स' (Sin Tax) या 'पाप का टैक्स' कहा जाता है. यह टैक्स उन उत्पादों पर लगाया जाता है, जो स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक माने जाते हैं.
क्या बढ़ सकता है 'सिन टैक्स'?
आपको बता दें कि पिछले बजट में सिन टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन इस बार इसके बढ़ने की पूरी संभावना है. शराब, सिगरेट, तंबाकू और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे उत्पाद इस टैक्स के दायरे में आते हैं. फिलहाल इन पर 28% जीएसटी के साथ अतिरिक्त सेस लगाया जाता है. विशेषज्ञों की मानें तो जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी इसे बढ़ाने की सिफारिश की गई थी. अगर यह टैक्स बढ़ता है, तो सिगरेट, गुटखा, तंबाकू और महंगे परफ्यूम जैसे उत्पाद और महंगे हो सकते हैं.
क्या होता है 'सिन टैक्स'?
वहीं आपको बता दें कि 'सिन टैक्स' उन उत्पादों पर लगाया जाता है, जो सेहत और समाज के लिए हानिकारक माने जाते हैं. इनमें शराब, सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला, जुआ, कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजें शामिल होती हैं. इस टैक्स का मुख्य उद्देश्य इन उत्पादों की कीमत बढ़ाकर लोगों की खपत कम करना होता है. इसे लग्जरी टैक्स के तौर पर भी देखा जाता है, क्योंकि आमतौर पर यह महंगे इंपोर्टेड सामान और गाड़ियों पर भी लागू होता है.
आपके शौक से सरकार की मोटी कमाई
बताते चले कि सिन टैक्स सरकार के लिए राजस्व का बड़ा स्रोत है. जीएसटी लागू होने के बाद इस तरह के उत्पादों को सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में रखा गया और अतिरिक्त सेस भी वसूला गया. भारत में इस टैक्स से हर साल हजारों करोड़ रुपये की कमाई होती है.
- सिगरेट पर 52.7% टैक्स
- बीड़ी पर 22% टैक्स
- स्मोकलेस तंबाकू पर 63% टैक्स
भारत ही नहीं, बल्कि यूके, कनाडा और स्वीडन जैसे देशों में भी सिन टैक्स का इस्तेमाल किया जाता है. वहां इसे तंबाकू, शराब, जुआ और यहां तक कि पेट्रोल-डीजल पर भी लागू किया जाता है.
क्यों जरूरी है 'सिन टैक्स'?
बता दें कि इस टैक्स का मुख्य उद्देश्य लोगों को इन हानिकारक उत्पादों से दूर रखना और सरकार को अधिक राजस्व दिलाना है. सरकारें इसे स्वास्थ्य सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं में खर्च करने के लिए इस्तेमाल करती हैं. हालांकि, कई बार इसकी आलोचना भी हुई है, क्योंकि यह मिडिल क्लास और गरीब तबके को अधिक प्रभावित करता है. लेकिन सरकार के लिए यह टैक्स सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बना हुआ है.
हालांकि अगर बजट 2025 में सिन टैक्स बढ़ता है, तो शराब, सिगरेट और तंबाकू जैसी चीजें और महंगी हो जाएंगी. सरकार को इससे अधिक कमाई होगी, लेकिन इसका असर आम जनता की जेब पर भी पड़ेगा. अब देखना यह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस टैक्स में कितनी बढ़ोतरी करती हैं.


