ट्रंप के टैरिफ फैसलों से घबराया बाजार, सोने ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की चिंताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का रुख किया, जिससे इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं.

Trump tariffs gold price: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है. इस आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों का भरोसा सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ गया है, जिसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ा है.
बुधवार को सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना लिया, जब स्पॉट गोल्ड $3,357.40 (लगभग ₹2,54,000) प्रति औंस तक पहुंच गया. यह इस वर्ष की शुरुआत से अब तक लगभग 30% की वृद्धि को दर्शाता है.
फेडरल रिजर्व प्रमुख की चेतावनी
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी कि ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियां अमेरिका की आर्थिक वृद्धि को धीमा कर सकती हैं और उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है. शिकागो के इकोनॉमिक क्लब में उन्होंने कहा, "हाल ही में घोषित उच्च टैरिफ अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को धीमा और कीमतों को ऊंचा कर सकते हैं."
वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल
नई इंपोर्ट टैक्स नीतियों और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा कर दी है. निवेशकों का रुझान अब 'सेफ हेवन' यानी सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ रहा है, जिसमें सोना सबसे प्रमुख है.
SPI एसेट मैनेजमेंट के स्टीफन इनिस ने कहा, "सोना पूरी तरह से 'लाइफबोट मोड' में है और फिलहाल सबसे ज्यादा निवेशित संपत्ति बन गया है." उन्होंने आगे कहा, "डॉलर व्यापार नीति की अस्थिरता के कारण कमजोर हो रहा है और निवेशकों ने राजनीतिक निर्णयों वाले किसी भी विकल्प से विश्वास हटा लिया है."
ईरानी क्रांति से तुलना
इस वर्ष की सोने की तेजी की तुलना 1979 की ईरानी क्रांति से की जा रही है, जब सोने की कीमतें नवंबर 1979 से जनवरी 1980 तक 120% तक बढ़ गई थीं. इसी तरह, पिछले महीने पहली बार सोना $3,000 प्रति औंस के पार गया.
निवेशकों का 'ट्रस्ट हेज' बन गया सोना
Monex Group के जेस्पर कोल ने कहा, "निवेशक सोने को महंगाई और सरकारी लापरवाही से सुरक्षा के रूप में देख रहे हैं." उन्होंने कहा, "हर कोई अब 'वास्तविक' संपत्तियों की तलाश में है, और ट्रंप प्रशासन की 'जल्दी फैसला लो, सब कुछ हिला दो' नीति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा."
टैरिफ से महंगाई की आशंका
ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेशी सामानों पर लगाए गए टैरिफ से महंगाई का डर और गहरा गया है. निवेशक ऐसे समय में सोने जैसे सुरक्षित विकल्प की ओर रुख करते हैं. जनवरी में व्हाइट हाउस में वापसी के बाद ट्रंप ने चीन पर 145% टैक्स लगाया है, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगा दिया है.
अमेरिकी टैरिफ का भविष्य अनिश्चित
90 दिनों के लिए रोके गए अमेरिका के कई अन्य देशों पर प्रस्तावित टैरिफ को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इन कदमों से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग लौटेगी, नौकरियां बढ़ेंगी और टैक्स राजस्व में इजाफा होगा.


