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सोने की चमक रिकॉर्ड पर, 2025 में 50वीं बार बनाया नया ऑल-टाइम हाई

ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता और इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीदों के बीच, सोने की कीमतों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. 2025 में, सोना 50वीं बार अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया.

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

नई दिल्ली: वैश्विक बाजार में अनिश्चितता और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच सोने की कीमतों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. 2025 में सोना 50वीं बार अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. भू-राजनीतिक तनाव, खासकर वेनेजुएला से जुड़े हालात और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर मोड़ा है, जिसका सीधा फायदा सोने और चांदी को मिला है.

सोना पहली बार 4,480 डॉलर प्रति औंस के पार

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत पहली बार 4,480 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई. इससे एक दिन पहले सोने में 2.4 प्रतिशत की तेज उछाल देखी गई थी, जो पिछले एक महीने में इसकी सबसे बड़ी एकदिनी बढ़त मानी जा रही है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रेडर्स इस उम्मीद में दांव लगा रहे हैं कि अमेरिकी फेड अगले साल भी ब्याज दरों में कटौती करेगा. कम ब्याज दरों का माहौल गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियों जैसे सोने के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है.

भू-राजनीतिक तनाव ने बढ़ाई सेफ हेवन डिमांड

पिछले एक हफ्ते में सोने की सुरक्षित निवेश के रूप में मांग और मजबूत हुई है. खासतौर पर वेनेजुएला में बढ़ते तनाव ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के तेल टैंकरों की नाकेबंदी और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार पर दबाव बढ़ाने से वैश्विक स्तर पर अस्थिरता का माहौल बना है, जिसका असर सीधे सोने की कीमतों पर दिख रहा है.

1979 के बाद सबसे शानदार साल की ओर सोना

2025 में अब तक सोना करीब 70 प्रतिशत चढ़ चुका है और यह 1979 के बाद अपने सबसे बेहतरीन साल की ओर बढ़ रहा है. इस तेज रैली के पीछे केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीद और गोल्ड आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में लगातार निवेश अहम वजह रहे हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, मई को छोड़कर इस साल हर महीने गोल्ड ETF में होल्डिंग्स बढ़ी हैं.

ट्रंप की नीतियों और निवेशकों की भूमिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वैश्विक व्यापार को नया आकार देने की कोशिशें और फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर दिए गए बयान भी इस तेजी को हवा दे चुके हैं. इसके अलावा निवेशकों में तथाकथित ‘डिबेसमेंट ट्रेड’ का चलन बढ़ा है, जिसमें बढ़ते कर्ज और मुद्राओं के मूल्य में गिरावट के डर से लोग बॉन्ड और करेंसी से दूरी बनाकर सोने की ओर रुख कर रहे हैं.

आगे भी तेजी के संकेत

अक्टूबर में 4,381 डॉलर के स्तर से थोड़ी गिरावट के बाद सोना तेजी से संभला है और अब अगले साल भी मजबूती बनाए रखने के संकेत दे रहा है. गोल्डमैन सैक्स जैसी बड़ी निवेश बैंक का अनुमान है कि 2026 में सोने की कीमत 4,900 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है, जिसमें और तेजी की संभावना बनी हुई है.

चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड

सोने के साथ-साथ चांदी ने भी नया रिकॉर्ड कायम किया. चांदी की कीमत 1 प्रतिशत तक बढ़कर 69.7060 डॉलर पर पहुंच गई. इस साल चांदी करीब 140 प्रतिशत उछल चुकी है. अक्टूबर में हुए ऐतिहासिक शॉर्ट स्क्वीज के बाद सप्लाई की दिक्कतें और सट्टेबाजी निवेश ने इसकी तेजी को और मजबूत किया है. शंघाई में चांदी फ्यूचर्स का ट्रेडिंग वॉल्यूम भी हाल के हफ्तों में तेजी से बढ़ा है.

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23 December 2025, 10:52 AM IST

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