UPI पर लगेगा चार्ज? वित्त मंत्रालय ने अफवाहों को बताया बेबुनियाद
UPI transaction charges: UPI लेनदेन पर MDR लगाने की खबरों को लेकर वित्त मंत्रालय ने सफाई दी है. मंत्रालय ने इन रिपोर्ट्स को पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताया है. सरकार ने कहा है कि वह यूपीआई के जरिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

UPI transaction charges: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए डिजिटल लेनदेन भारत में बेहद लोकप्रिय हो चुका है. इसी बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सरकार 3,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लागू करने की योजना बना रही है. इन अटकलों पर अब वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट जवाब देते हुए कहा है कि ऐसे सभी दावे पूरी तरह झूठे, निराधार और भ्रामक हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर लगाए जाने की अटकलें पूरी तरह गलत, निराधार और गुमराह करने वाली हैं... इस प्रकार की अफवाहें न केवल भ्रम पैदा करती हैं, बल्कि नागरिकों के बीच अनावश्यक भय और संदेह भी फैलाती हैं." मंत्रालय ने दोहराया कि सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
Speculation and claims that the MDR will be charged on UPI transactions are completely false, baseless, and misleading.
Such baseless and sensation-creating speculations cause needless uncertainty, fear and suspicion among our citizens.
The Government remains fully committed…— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 11, 2025
एक दिन में 634.29 मिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, केवल 10 जून को ही यूपीआई के जरिए 634.29 मिलियन ट्रांजैक्शन किए गए, जिनकी कुल राशि ₹91,838.53 करोड़ रही. वहीं जून के पहले दस दिनों में कुल 6346.42 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जिनके जरिए ₹8,98,111.14 करोड़ का लेनदेन हुआ.
10 वर्षों में यूपीआई बना डिजिटल भुगतान की रीढ़
यूपीआई को शुरू हुए अब 10 साल पूरे हो चुके हैं और यह आज भारत में डिजिटल रिटेल ट्रांजैक्शनों का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बन चुका है. खास बात यह है कि व्यक्ति से व्यापारी (P2M) लेनदेन का आंकड़ा साल 2020 से अब तक 60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.
P2M लेनदेन पर नहीं लगता MDR
वर्तमान में P2M यूपीआई ट्रांजैक्शन पर किसी भी प्रकार का मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लागू नहीं होता. यह निर्णय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा लिया गया था और जनवरी 2020 से प्रभावी है.
हालांकि, पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने सुझाव दिया है कि बड़े व्यापारियों से 0.3 प्रतिशत का MDR लिया जा सकता है. फिलहाल, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स पर MDR 0.9% से 2% तक लागू है, जबकि रुपे (RuPay) कार्ड्स इससे मुक्त हैं.


