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भारत-अमेरिका ट्रेड डील फाइनल! GM फसलों को नहीं मिली मंजूरी, टैरिफ पर बनी बात

भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी निगरानी में यह डील तय हुई. इसे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता इस हफ्ते आधिकारिक रूप से हस्ताक्षरित होने जा रहा है. दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के महीनों तक चली कड़ी बातचीत के बाद इस डील को अंतिम रूप दिया गया है. इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी निगरानी और भागीदारी रही.

यह समझौता राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीति में नई जान फूंकने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें अमेरिका के किसानों और मैन्युफैक्चरर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को भी प्राथमिकता दी गई है.

जीएम फसलों पर कड़ा रुख

भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए अपने बाजार में सीमित पहुंच की मंजूरी दी है. इसमें कुछ विशेष श्रेणियों में छूट दी गई है. हालांकि, जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलों पर भारत का रुख साफ रहा और इन पर कोई समझौता नहीं किया गया. अमेरिकी पक्ष ने लंबी बातचीत के बाद भारत की इस मांग को स्वीकार कर लिया है.

टैरिफ स्ट्रक्चर में सुधार

भारत ने अमेरिका में अपने उत्पादों पर औसतन 10% बेसलाइन टैरिफ की मंजूरी दी है. इसके बदले में अमेरिका ने भारत की इस मांग को मान लिया कि सभी उत्पादों पर एक समान टैरिफ न लगाया जाए, बल्कि हर उत्पाद के लिए अलग-अलग दरें तय की जाएं. अंतिम आंकड़ों के अनुसार, अब अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यातों पर औसतन 11.5% टैरिफ लगेगा, जबकि भारत में अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर औसत 7% टैरिफ रहेगा.

डेयरी बाहर, प्रोसेस्ड फूड को मिली जगह

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने भारत में डेयरी उत्पादों की पूरी पहुंच की मांग की थी, लेकिन भारत ने इस मांग को सख्ती से ठुकरा दिया. इसके स्थान पर केवल प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को ही समझौते में शामिल किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आजीविका की सुरक्षा के लिए संतुलित निर्णय है.

ऑटो सेक्टर में एकरूपता

ऑटोमोबाइल क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बड़ी सहमति बनी है. अब सभी प्रकार के वाहनों पर एक समान टैरिफ ढांचा लागू होगा, जिससे व्यापार नियमों में पारदर्शिता आएगी और अमेरिकी ऑटो कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना सरल होगा.

भारत-अमेरिका अंतरिम व्यापार समझौता

यह समझौता दोनों नेताओं के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. राष्ट्रपति ट्रंप जहां आगामी चुनाव की तैयारी में हैं, वहीं यह व्यापार समझौता उन्हें एक मजबूत और किसान हितैषी नेता की छवि देने में मदद करेगा. दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह डील वैश्विक ताकतों के साथ संतुलित और सशक्त रिश्ते कायम करने की उनकी रणनीति को मजबूती देती है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अंतरिम समझौता भविष्य में भारत और अमेरिका के बीच एक पूर्ण फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की नींव रख सकता है. दोनों नेताओं की 'स्ट्रॉन्गमैन डिप्लोमेसी' के चलते यह समझौता रणनीतिक मेलजोल का एक मजबूत संकेत माना जा रहा है.

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15 July 2025, 08:57 AM IST

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