दिल्ली में युवक की चाकू से सरेआम हत्या, मां बोलीं– 'दूसरे समुदाय की लड़की से दोस्ती थी वजह'
दिल्ली के गीता कॉलोनी में मामूली टक्कर पर 21 वर्षीय युवक यश की सरेआम चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. स्कूटी गली में खड़े एक लड़के से टकराई थी, इसी बात पर झगड़ा हुआ और यश पर हमला कर दिया गया. वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था.

राजधानी दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके में शनिवार को दिनदहाड़े एक 21 वर्षीय युवक की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई. मृतक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. यह दिल दहला देने वाली वारदात महज इस बात से शुरू हुई कि यश की स्कूटी गलती से एक लड़के से हल्की टकरा गई थी. मामूली विवाद इतना बढ़ा कि बात जानलेवा हमले तक पहुंच गई.
मृतक अपने दोस्त अमन के साथ स्कूटी पर कहीं जा रहा था. गली में खड़े एक लड़के से स्कूटी का साइड मिरर छू गया. इसी बात को लेकर पहले दोनों पक्षों में बहस हुई और फिर झगड़ा हो गया. मृतक के दोस्त अमन के मुताबिक, झगड़े के दौरान एक युवक ने मृतक के सिर पर पिस्टल रख दी और दूसरा कुछ और लड़कों को बुला लाया. कुछ ही देर में कई लड़के आए, जिनके हाथ में चाकू थे. भीड़ ने मिलकर मृतक पर हमला कर दिया और उसे चाकूओं से गोद दिया.
मां ने जताई साजिश की आशंका
मृतक की मां राखी ने आरोप लगाया है कि ये कोई सामान्य झगड़ा नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत मृतक की हत्या की गई है. उन्होंने बताया कि मृतक की दोस्ती एक दूसरी समुदाय की लड़की से थी, जिससे लड़की के परिवार को ऐतराज था. मृतक के पिता को पहले भी धमकियां मिल चुकी थीं. मां का कहना है कि लड़के को योजनाबद्ध तरीके से मारा गया है.
पुलिस जांच में जुटी, आरोपी फरार
घटना की सूचना मिलते ही गीता कॉलोनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल यश को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है.
इलाके में तनाव, लोग गुस्से में
घटना के बाद गीता कॉलोनी इलाके में तनाव का माहौल है. स्थानीय लोग और मृतक के परिजन बेहद गुस्से में हैं. लोगों ने आरोपियों के घर में लगे ताले तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया. परिजनों ने दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की है.
दिल्ली जैसे शहर में इस तरह की घटनाएं एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं. एक मामूली सी टक्कर के चलते एक परिवार का चिराग बुझ गया और अब इंसाफ की उम्मीद में पूरा परिवार दर-दर भटक रहा है.


