रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन, रामायण के 'राम' ने दी श्रद्धांजलि
प्रसिद्ध निर्माता और सिनेमैटोग्राफर प्रेम सागर का मुंबई में निधन हो गया. वह ‘रामायण’ के निर्माता रामानंद सागर के पुत्र थे और सागर आर्ट्स के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट्स में योगदान दिया. FTII से प्रशिक्षित प्रेम सागर ने भारतीय टेलीविजन को तकनीकी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध किया. उनके निधन से इंडस्ट्री को गहरी क्षति हुई है.

भारतीय फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री के जाने-माने निर्माता और सिनेमैटोग्राफर प्रेम सागर का सोमवार सुबह निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्वास्थ्य में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने रविवार को उन्हें घर ले जाने की सलाह दी थी. आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे जुहू के पवन हंस श्मशान घाट पर किया गया.
‘रामायण’ के निर्माता रामानंद सागर के पुत्र थे
प्रेम सागर दिग्गज निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर के बेटे थे. रामानंद सागर ने 1987 में ऐतिहासिक धारावाहिक 'रामायण' का निर्माण किया था, जो आज भी भारतीय टेलीविजन इतिहास का एक मील का पत्थर माना जाता है. प्रेम सागर ने इस धारावाहिक में कैमरे के पीछे से महत्वपूर्ण योगदान दिया. वे 'सागर आर्ट्स' बैनर के तहत कई धारावाहिकों और फिल्मों से जुड़े रहे.
अरुण गोविल ने दी श्रद्धांजलि
टीवी 'रामायण' में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने प्रेम सागर के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “रामायण के माध्यम से श्रीराम के आदर्शों और मर्यादा को घर-घर पहुंचाने वाले रामानंद सागर जी के सुपुत्र प्रेम सागर जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें. ॐ शांति.”
पुणे के एफटीआईआई से ली थी तकनीकी शिक्षा
प्रेम सागर ने फिल्म और टेलीविजन की तकनीकी पढ़ाई पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) से की थी. वे 1968 बैच के छात्र थे और वहीं से उन्होंने सिनेमैटोग्राफी की बारीकियों को समझा. इसके बाद उन्होंने अपने पिता के प्रोडक्शन हाउस के अंतर्गत अपने करियर की शुरुआत की.
सागर आर्ट्स बैनर के अंतर्गत किया था कार्य
प्रेम सागर ने ‘सागर आर्ट्स’ के बैनर तले छायांकन (कैमरा वर्क) और फोटोग्राफी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया. ‘रामायण’ के अतिरिक्त, उन्होंने धार्मिक और पौराणिक विषयों पर आधारित कई प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारतीय दर्शकों के बीच सागर परिवार की पहचान और मजबूत हुई.
टेलीविजन जगत को बड़ी क्षति
प्रेम सागर का निधन भारतीय टेलीविजन और फिल्म उद्योग के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उन्होंने न सिर्फ तकनीकी रूप से इंडस्ट्री को समृद्ध किया, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुँचाया. उनका योगदान आने वाले वर्षों तक याद किया जाता रहेगा.


