राजकुमार राव की ‘भूल चूक माफ’ ने जीता दिल, वामीका गब्बी का कॉमिक अंदाज दर्शकों को भाया
Bhool Chook Maaf: राजकुमार राव और वामीका गब्बी की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ एक दिल को छू लेने वाली रोमांटिक कॉमेडी है, जो 23 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. फिल्म बनारस की गलियों की पृष्ठभूमि में सेट एक साधारण लेकिन खास प्रेम कहानी को दिखाती है, जिसमें कॉमेडी, इमोशन और पारिवारिक मूल्यों का खूबसूरत मेल है.

Bhool Chook Maaf: राजकुमार राव और वामीका गब्बी की नई फिल्म 'भूल चूक माफ' आज यानी 23 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. दो बार टलने के बाद दर्शकों का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ और फिल्म ने आते ही दिल जीतना शुरू कर दिया है. रोमांस, कॉमेडी और इमोशन का ऐसा अनोखा मेल लंबे वक्त बाद बड़े पर्दे पर देखने को मिला है.
करण शर्मा के निर्देशन में बनी यह फिल्म रोमांस, हास्य और पारिवारिक मूल्यों का ऐसा मेल है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पसंद आएगी। बनारस की गलियों की रंगीनियत, कहानी की सादगी और थोड़ी कल्पना इसे आम फिल्मों से अलग बनाती है। फिल्म 'भूल चूक माफ' को मैडॉक फिल्म्स ने प्रस्तुत किया है और इसकी कहानी व निर्देशन दोनों दिल से जुड़े हैं.
समय के लूप में फंसी एक प्रेम कहानी
फिल्म की कहानी रंजन (राजकुमार राव) नाम के एक छोटे शहर के लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है, जो प्यार, उलझनों और उम्मीदों से घिरा है। वामीका गब्बी द्वारा निभाई गई 'तितली' के साथ उसकी कैमिस्ट्री बेहद प्यारी है. लेकिन असली मजा उनके परिवारिक झगड़ों में है. कभी मां-बाप की तकरार, तो कभी शादी की टेंशन. इन सबको बिना किसी ओवरड्रामा के बेहद सहज और मनोरंजक तरीके से दिखाया गया है.
तितली से शादी कर पाएगा या नहीं
फिल्म की सबसे खास बात इसकी साफ-सुथरी कॉमेडी और दिल को छू लेने वाले भावुक पल हैं. इसमें जो फैंटेसी है, वो भी नैचुरल लगती है, बनावटी नहीं. कॉमेडी जबरदस्ती नहीं है, बल्कि नेचुरल तरीके से आती है. फिल्म की लंबाई 121 मिनट है, लेकिन एक पल को भी बोर नहीं करती. हर किरदार की कास्टिंग सोच-समझकर की गई है और सभी का अभिनय कहानी में जान डालता है. एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी भी शानदार है.
दिल से जुड़ी बातें और कानों को सुकून
करण शर्मा की स्क्रिप्ट में हास्य, सामाजिक सच्चाई और पारिवारिक रिश्तों को इस तरह पिरोया गया है कि सब कुछ असली सा लगता है. डायलॉग्स निजी और असरदार हैं। फिल्म सरकारी नौकरी की सामाजिक बाध्यता को भी बड़े सहज ढंग से उठाती है। म्यूज़िक की बात करें तो 'टिंग लिंग सजना' और 'चोर बाज़ारी' जैसे गाने कहानी का हिस्सा लगते हैं और भावनाओं को और गहरा कर देते हैं.
कैमिस्ट्री है जीत का फॉर्मूला
राजकुमार राव एक बार फिर साबित करते हैं कि कॉमेडी हो या इमोशन, वह हर रोल में परफेक्ट हैं। रंजन के किरदार में उनका अंदाज़ और खासकर उनका इमोशनल टाइमिंग काबिल-ए-तारीफ है। वामीका गब्बी ने तितली के किरदार में अपनी नैचुरल मासूमियत और आत्मविश्वास से दिल जीत लिया है। यह उनका पहला कॉमिक रोल है, लेकिन कहीं से भी अनुभवहीन नहीं लगती.
फिल्म में संजय मिश्रा ‘भगवान भाई’ के रूप में एक खास छाप छोड़ते हैं. उनके सीन्स में हंसी और सोच दोनों हैं. साथ ही सीमा पाहवा और रघुवीर यादव जैसे दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी फिल्म को और असरदार बनाती है.
दिल छू लेने वाली फिल्म
अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में परिवार के साथ एक हल्की-फुल्की लेकिन भावनात्मक फिल्म देखना चाहते हैं, तो ‘भूल चूक माफ’ आपके लिए एक परफेक्ट चॉइस है। दिग्गज निर्माता दिनेश विजन द्वारा निर्मित, और शारदा कार्की जलोटा के साथ मिलकर को-प्रोड्यूस की गई यह फिल्म करण शर्मा के निर्देशन में बनी है। यह फिल्म बिना किसी शोर के सीधे दिल तक पहुंचती है और सिनेमाघर से बाहर निकलने के बाद भी साथ रहती है.


