वापसी, परिवार और...: तीन कारण क्यों विराट कोहली और अनुष्का शर्मा प्रेमानंद जी महाराज के बन गए अनुयायी
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में मशहूर हस्तियां हैं. कोहली क्रिकेट के शिखर पर हैं जबकि अनुष्का बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक हैं. अब दोनो रुहानियत की मुड़ रहे हैं. इसके तहत वह श्री प्रेमानंद महाराज के भक्त बन गए हैं. वह दोनों परिवार के साथ प्रेमानंद महाराज के दर्शनों के लिए आते जाते रहते हैं.

नई दिल्ली: विराट कोहली और अनुष्का शर्मा दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में मशहूर हैं. कोहली क्रिकेट के शिखर पर हैं जबकि अनुष्का बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में से एक हैं. पति-पत्नी अपनी सादगी भरी जीवनशैली के लिए भी जाने जाते हैं. पिछले कुछ सालों से यह जोड़ा आध्यात्म की शरण में है. दोनों अपने परिवार के साथ वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन करने जाते हैं.
विराट कोहली और प्रेमानंद महाराज का जुड़ाव
हाल ही में जब विराट ने चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाया था, तब प्रेमानंद महाराज का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में फ्लॉप होने के बाद विराट ने इस साल की शुरुआत में महाराज से मुलाकात की थी और अगली ही सीरीज में उन्होंने शतक जड़ दिया था. ऐसे में आइए आपको दोनों के बीच के कनेक्शन के बारे में बताते हैं और जानने की कोशिश करते हैं वो तीन वजहें जिनकी वजह से विराट कोहली ने प्रेमानंद महाराज को अपना गुरु माना है.
आध्यात्मिक मार्गदर्शन और आंतरिक शांति
विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा अपने व्यस्त कार्यक्रम और उच्च दबाव वाली जीवनशैली के बीच आध्यात्मिक ज्ञान और आंतरिक शांति की तलाश करते हैं. उनका मानना है कि प्रेमानंद महाराज की शिक्षाएँ उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रश्नों को स्पष्टता प्रदान करती हैं.
सफलता और परिवार के लिए आशीर्वाद मांगना
यह जोड़ा अपने और अपने पूरे परिवार के कल्याण और अपने करियर में वृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगने जाता है. आध्यात्मिकता उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और वे इन यात्राओं को जमीन से जुड़े रहने और उच्च ऊर्जाओं से जुड़े रहने के तरीके के रूप में देखते हैं.
आस्था और भक्ति को मजबूत करना
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा आध्यात्मिकता और भक्ति के प्रति गहरी रुचि रखते हैं. अनुष्का ने विशेष रूप से “प्रेम-भक्ति” (दिव्य प्रेम) की खोज की बात कही है और महाराज ने उनकी सांसारिक उपलब्धियों के बावजूद उनकी आस्था की प्रशंसा की है. इस शक्तिशाली जोड़े का जीवन भौतिक सफलता और आध्यात्मिक पूर्णता के बीच संतुलन को दर्शाता है.


