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तमन्ना भाटिया को लेकर कर्नाटक में क्यों मचा बवाल, कन्नड़ संगठनों ने जताई नाराजगी, जानिए क्या है मामला

मैसूर सैंडल साबुन की ब्रांड एंबेसडर के रूप में बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया की नियुक्ति को लेकर कर्नाटक में विवाद खड़ा हो गया है.विरोध करने वालों का कहना है कि यह कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का अपमान है और किसी कन्नड़ अभिनेत्री को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

कर्नाटक के गौरवशाली उत्पाद मैसूर सैंडल साबुन को लेकर इस समय राज्य में एक सांस्कृतिक और राजनीतिक बहस छिड़ गई है। सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड (KSDL) ने बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है, जिससे कई कन्नड़ संगठनों और राजनैतिक दलों में असंतोष की लहर फैल गई है. विरोध करने वालों का कहना है कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े उत्पाद का प्रतिनिधित्व किसी कन्नड़ मूल की कलाकार को करना चाहिए था.

1916 में मैसूर के महाराजा कृष्णराज वाडियार द्वारा शुरू किया गया यह साबुन न केवल एक उत्पाद है, बल्कि कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है. ऐसे में मुंबई में जन्मी एक बॉलीवुड अभिनेत्री को इसका चेहरा बनाने का निर्णय राज्य के प्रबुद्ध वर्ग को रास नहीं आ रहा.

राजनीतिक बवाल और कन्नड़ स्वाभिमान

तमन्ना भाटिया के चयन के बाद कर्नाटक में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। कर्नाटक रक्षा वेदिके के अध्यक्ष नारायण गौड़ा ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को पत्र लिखकर इस फैसले को “अनैतिक, गैर-जिम्मेदाराना और कन्नड़ लोगों की भावनाओं से परे” बताया. उन्होंने कहा कि मैसूर सैंडल साबुन एक सांस्कृतिक धरोहर है, जिसका प्रतिनिधित्व ऐसे व्यक्ति को करना चाहिए जिसका गहरा संबंध कर्नाटक से हो.

गौड़ा ने सवाल उठाया कि 6.2 करोड़ रुपये की राशि जो इस प्रचार के लिए दी गई, वह शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसे ज़रूरी क्षेत्रों में खर्च की जा सकती थी। उन्होंने कहा, "कर्नाटक में कई प्रतिभाशाली और लोकप्रिय कन्नड़ अभिनेत्रियां हैं। उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया जाता तो ये फैसला कन्नड़ लोगों के दिलों के और करीब होता."

वैश्विक पहचान की ओर कदम

विरोध के बीच, कर्नाटक सरकार के वृहद और मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने सफाई देते हुए कहा कि यह निर्णय विशेषज्ञों की मार्केटिंग सलाह के आधार पर लिया गया। उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य अब केवल राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि मैसूर सैंडल को राष्ट्रीय और वैश्विक ब्रांड बनाना है.

पाटिल ने कहा कि "हमने दीपिका पादुकोण, रश्मिका मंदाना, पूजा हेगड़े और कियारा आडवाणी जैसे कई बड़े नामों पर विचार किया। तमन्ना को उनके पैन-इंडिया अपील, लागत प्रभावशीलता और 28 मिलियन से अधिक डिजिटल फॉलोअर्स के कारण चुना गया."

उन्होंने बताया कि KSDL अगले कुछ वर्षों में कंपनी का टर्नओवर ₹5,000 करोड़ तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है और इसीलिए ब्रांड को व्यापक पहचान दिलाना ज़रूरी है.

भावनाओं की लड़ाई या मार्केटिंग की चाल?

इस पूरे विवाद ने एक बार फिर क्षेत्रीय अस्मिता और मार्केटिंग रणनीतियों के बीच खिंचाव को सामने ला दिया है. एक तरफ कन्नड़ संगठनों की मांग है कि स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा मिलना चाहिए, वहीं सरकार का उद्देश्य है कि कर्नाटक के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाया जाए.

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23 May 2025, 02:13 PM IST

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